कद्दू की खेती: युवा किसान कन्हैया कुमार: छोटी जमीन से दो लाख की कमाई की कहानी
आधुनिक युग में, किसानों ने पारंपरिक धान और गेहूं की खेती को पीछे छोड़कर नकदी फसल, विशेष रूप से सब्जी की खेती में रुचि दिखाई है। इस नए दिशा-निर्देश में, लखीसराय जिले के दरियापुर गांव के युवा किसान कन्हैया कुमार ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह पिछले चार वर्षों से अपनी दो बीघा जमीन पर कद्दू की खेती कर रहे हैं और महीने में दो लाख से अधिक की कमाई कर रहे हैं। इसके प्रेरणास्त्रोत के रूप में, उनकी कहानी यहाँ प्रस्तुत है।
कद्दू की खेती: एक सफल प्रयोग
कन्हैया कुमार ने बताया कि उन्होंने बेहतर मुनाफा पाने के लिए किस प्रकार की फसल लगानी है इस पर विचार किया था। उन्होंने कद्दू की खेती करने का निर्णय लिया क्योंकि कद्दू तीन महीने में ही तैयार हो जाता है और उसकी फलन भी अच्छी होती है। इसके साथ ही, कद्दू की हरी सब्जियों में बड़ी मांग रहती है जो उन्हें अच्छा मुनाफा दिलाने में मदद करती है।
उन्होंने अपनी खेत में कद्दू के पौधों की देखभाल के लिए घरेलू नुस्खे भी अपनाए, जिनसे उन्होंने कीटों की संख्या को कम किया। इससे उनकी फलन और उत्पादन में सुधार हुआ और उनकी कमाई में भी वृद्धि हुई।
किसानों की उत्तरदायित्व समझ
कन्हैया कुमार की सफलता ने दिखाया कि किसानों को नए दिशा-निर्देश में सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने यह साबित किया कि छोटे पैमाने पर भी किसान अपनी खेती में विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
उत्तराधिकारी को प्रेरित करना
कन्हैया कुमार की सफलता ने न केवल उन्हें बल्कि आस-पास के युवाओं को भी किसानी में प्रेरित किया। वह युवाओं को यह सिखाते हैं कि वे किसानी में एक उन्नत भविष्य बना सकते हैं और सिर्फ पढ़ाई-लिखाई से ही नहीं, बल्कि खेती से भी मुनाफा कमा सकते हैं।
खेती में नए दिशा-निर्देश
कन्हैया कुमार की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि खेती में नए दिशा-निर्देश और सोच की आवश्यकता है। छोटे पैमाने पर भी अग्रणी फसलों की खेती करने से किसान मुनाफा कमा सकते हैं और अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।