राजस्थानियों को मिलेगा यमुना का पानी, सरकार बनाएगी यहां 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का बांध, यहां से होगी शुरुआत

राजस्थानियों को मिलेगा यमुना का पानी, सरकार बनाएगी यहां 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का बांध, यहां से होगी शुरुआत
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राजस्थानियों को मिलेगा यमुना का पानी, सरकार बनाएगी यहां 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का बांध, यहां से होगी शुरुआत

खेत खजाना : यमुना का पानी राजस्थान के शुष्क और बारिश के अभाव में पीड़ित क्षेत्रों को जीवन देने का काम करेगा। लेकिन इसके लिए एक बड़ी तकनीकी और राजनीतिक चुनौती है। यमुना का पानी राजस्थान में लाने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है, जिसमें बांध, पाइपलाइन, लिफ्टिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में सभी विवरण शामिल होंगे। इस आर्टिकल में हम आपको इस परियोजना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे।

बांध का निर्माण कहां होगा?

यमुना का पानी राजस्थान में लाने के लिए सबसे पहले एक बड़ा बांध बनाया जाएगा, जिसका नाम हांसियावास बांध होगा। यह बांध चूरू जिले के हांसियावास और तांबा खेड़ा गांव के बीच बनेगा। यह बांध राजस्थान का सबसे बड़ा बांध होगा, जिसमें 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी जमा किया जा सकेगा। यह बांध ताजेवाला हैड से लोहे के बड़े पाइपों से पानी लाने का काम करेगा। यह बांध जून 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

पानी का वितरण कैसे होगा?

यमुना का पानी राजस्थान में लाने के बाद, उसे विभिन्न जिलों में वितरित किया जाएगा। पानी का वितरण लिफ्टिंग और ग्रेविटी के माध्यम से होगा। लिफ्टिंग के लिए 12 पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे, जो पानी को ऊंचाई पर ले जाएंगे। ग्रेविटी के माध्यम से पानी को नीचे के क्षेत्रों में भेजा जाएगा। पानी का वितरण चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नीमकाथाना जिलों में होगा। इन जिलों में कुल 1.5 लाख हेक्टेयर की सिंचाई होगी।

समझौते के अनुसार पानी कितने दिन मिलेगा?

यमुना का पानी राजस्थान में लाने के लिए एक त्रिपक्षीय समझौता हुआ है, जिसमें केंद्र, राजस्थान और हरियाणा के बीच एकमत हुए हैं। समझौते के अनुसार, राजस्थान को हर साल जुलाई से अक्टूबर के बीच 120 दिन तक यमुना का पानी मिलेगा। इस दौरान, राजस्थान को हथिनीकुंड से 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके अलावा, हरियाणा को भी यमुना का पानी मिलेगा, जो उसके भिवानी और हिसार जिलों की सिंचाई के लिए उपयोगी होगा।

यमुना का पानी राजस्थान में लाने की परियोजना एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजना है, जो राजस्थान के शुष्क और बारिश के अभाव में पीड़ित क्षेत्रों को जीवन देने का काम करेगी। इस परियोजना से राजस्थान की कृषि, उद्योग, पेयजल और पर्यावरण को लाभ मिलेगा। इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सभी पक्षों को मिलकर काम करना होगा।

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