वेरिफकेशन में गड़बड़ियों से सैकड़ों का पंजीकरण अटका, गिरदावरी में सरसों की जगह गेहूं, जौ और चना को दर्शाया, पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कर पाए किसान

वेरिफकेशन में गड़बड़ियों से सैकड़ों का पंजीकरण अटका, गिरदावरी में सरसों की जगह गेहूं, जौ और चना को दर्शाया, पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कर पाए किसान
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वेरिफकेशन में गड़बड़ियों से सैकड़ों का पंजीकरण अटका, गिरदावरी में सरसों की जगह गेहूं, जौ और चना को दर्शाया, पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कर पाए किसान

खेत खजाना: सिरसा, जिले के 74 फीसदी 94 हजार 655 किसान फसल पंजीकरण पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं। जबकि वेरिफकेशन में गड़बड़ियों से सैकड़ों का पंजीकरण अटका है। जिनको पोर्टल खोलते हुए सरकार से मौका तो मिला मगर सरसों उत्पादकों के खेतों में गेहूं, चना या अन्य फसलें सत्यापित हैं।

अब दुविधा में पड़े किसान सस्ते में फसलें बेच रहे हैं। गांव खारियां के किसान आशीष, रोहताश, रघुवीर कासनियां व रामनिवास ने बताया कि पोर्टल खुलने से उनको एमएसपी पर फसलें बिकने की उम्मीद जगी थी। लेकिन उनके खेतों में फसलों का डेटा मिसमैच है।

पटवारी सेटेलाइट को कसूरवार बताते हैं, जबकि कृषि विभाग को सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं अभी तक मंडियों में गेहूं की आवक का आगाज नहीं हो पाया है, लेकिन सरसों खरीद का आंकड़ा 1 लाख 66 हजार 205 क्विंटल तक पहुंच चुका है। जिसमें प्राइवेट खरीद 23034 क्विंटल में सिमट चुकी है बल्कि सरकारी खरीद 1 लाख 34 हजार 529 क्विंटल के पार पहुंच चुकी है

गलत सत्यापन की करवाएंगे जांच

उपनिदेशक कृषि डॉ. सुखदेव सिंह ने बताया कि 74 फीसदी किसान पोर्टल पर पंजीकृत हैं। कृषि विभाग, पटवारी और हरसेक की रिपोर्ट से फसलों का सत्यापन होता है। लेकिन पोर्टल खुलने के बावजूद नए पंजीकरण न होने बारे शिकायत है। गलत फसल सत्यापन की गंभीर से जांच करवाएंगे।

गलत सत्यापन की करवाएंगे जांच

उपनिदेशक कृषि डॉ. सुखदेव सिंह ने बताया कि 74 फीसदी किसान पोर्टल पर पंजीकृत हैं। कृषि विभाग, पटवारी और हरसेक की रिपोर्ट से फसलों का सत्यापन होता है। लेकिन पोर्टल खुलने के बावजूद नए पंजीकरण न होने बारे शिकायत है। गलत फसल सत्यापन की गंभीर से जांच करवाएंगे।

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