सही समय पर उचित निर्णय : धान-गेंहू की खेती छोड़ किसान ने कि इस फसल की खेती, अब घर में है गाड़ी-घोड़ा सबकुछ

सही समय पर उचित निर्णय : धान-गेंहू की खेती छोड़ किसान ने कि इस फसल की खेती, अब घर में है गाड़ी-घोड़ा सबकुछ
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सही समय पर उचित निर्णय : धान-गेंहू की खेती छोड़ किसान ने कि इस फसल की खेती, अब घर में है गाड़ी-घोड़ा सबकुछ

खेत खजाना: यूपी के बाराबंकी जिले के किसानों ने अपनी खेती को धान और गेहूं से हटाकर नई दिशा में मोड़ लिया है। शिमला मिर्च की खेती से जुड़कर उन्होंने न केवल अपनी तकदीर को बदला है, बल्कि अच्छे मुनाफे का भी आनंद उठा रहे हैं।

बाराबंकी के रसूलपुर गांव के किसान, मनीष कुमार, ने नई तकनीकों का उपयोग करके शिमला मिर्च की खेती में कदम बढ़ाया है। उनका उद्यमी दृष्टिकोण और आधुनिक खेती तकनीकों का प्रयोग करने से उन्होंने खेत में खराबी और कीटाणु से बचाव करने में सफलता प्राप्त की है।

शिमला मिर्च की मांग के चलते बाजार में इसका अच्छा दाम है, जिससे किसान मनीष ने इससे अच्छा मुनाफा कमाया है। एक बीघा में लगभग 15 से 20 हजार रुपये की लागत के बावजूद, मनीष ने बताया कि उनकी इस नई खेती से महीने में दो से तीन लाख रुपये तक की कमाई हो रही है।

शिमला मिर्च का वर्तमान बाजार मूल्य 45 से 50 रुपये प्रति किलो है, जिससे किसानों को अच्छा दाम मिल रहा है और इससे उन्हें सुरक्षित निर्णय लेने का सुनहरा अवसर है।

शिमला मिर्च की खेती: सुझाव और लाभ:

आधुनिक तकनीक का उपयोग: किसानों को नवीनतम खेती तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करने से फसलों की उन्नति होती है, जिससे मुनाफा बढ़ता है।

जैविक खाद का प्रयोग: खेत में जैविक खाद का प्रयोग करने से फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है और उन्हें कीटाणु से बचाव मिलता है।

बाजार का अच्छा दाम: शिमला मिर्च की मांग के कारण बाजार में इसका अच्छा दाम है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है।

किसानों का सहयोग: किसानों को नए खेती पद्धतियों की सीख मिलने पर उन्हें सहयोग मिलता है, जिससे उनकी कमाई में सुधार होता है।

इस तरह, यूपी के किसान मनीष कुमार की तरह, अगर आप भी नई खेती तकनीकों का सही तरीके से उपयोग करें और बाजार की मांग का उत्तरदात बनें, तो आपका भी किसान होने का सफर मालामाल हो सकता है!

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