मसूर की खेती करने का सही समय ? बुवाई के लिये करें सीड़ ड्रिल का इस्तेमाल, हागी 28 क्विंटल तक पैदावार

मसूर की बुवाई के बादए आप 110 से 140 दिनों के अंदर 25 क्विंटल तक दानों की पैदावार कर सकते हैं। इसके अलावाए आप 30 से 35 क्विंटल पशु चारे का उत्पादन भी कर सकते हैं।

मसूर की खेती करने का सही समय ? बुवाई के लिये करें सीड़ ड्रिल का इस्तेमाल, हागी 28 क्विंटल तक पैदावार
X

मसूर की खेती करने का सही समय ? बुवाई के लिये करें सीड़ ड्रिल का इस्तेमाल, हागी 28 क्विंटल तक पैदावार

खेत खजाना। किसान भाइयों फिलहाल मसूर की खेती करने कर समय नजदिक आ गया है। कुछ किसानों ने मसूर की खेती की बुआई कर भी दी है। ऐसे में खेत खजाना वेब पोर्टल पर किसानों ने जानकारी लेते हुए कहा कि मसूर की खेती करने का समय क्या है तो आज हम मसूर की खेती करने वाले किसानों को खेती से जुड़ी जानकारी देने का प्रयास करेंगें।

भारत में दलहनी फसलों की खेती आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रही है। इसके लिए मसूर की मिश्रित खेती एक अच्छा विकल्प है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप 25 क्विंटल तक मसूर की पैदावार कर सकते हैं और किस तरह सीड़ ड्रिल का उपयोग करके इसे बुवाई करें।

मसूर की मिश्रित खेती एक महत्वपूर्ण तकनीक है जिसमें मसूर की फसल को दूसरी फसलों के साथ बुवाई की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य खेती के साथ.साथ वनस्पतिक संतुलन को बनाए रखना है और अधिक मुनाफा कमाने में मदद करना है।

मसूर की खेती के लिए सही समय क्या है।

मसूर की खेती के लिए सही समय बहुत महत्वपूर्ण है। रबी सीजन मेंए इसकी बुवाई 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच की जाती है।

मिट्टी और जलवायु

मसूर की फसल के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती हैए लेकिन लाल लेटेराइट मिट्टी में भी इसकी अच्छी पैदावार हो सकती है। मिट्टी की मान 5ण्8.7ण्5 के बीच होना चाहिए।

मसूर की खेती के लिए बीज

मसूर की खेती के लिए बीजों का उचित चयन करना महत्वपूर्ण है। प्रमुख फसल के रूप में 30 से 35 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर लगाए जाते हैं।

खाद और सिंचाई

खेती के साथ मिट्टी की जांच करें और उर्वरकों का उपयोग करें। आप वर्मीकंपोस्टए गोबर की खादए जीवामृतए या जैव उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं।

मसूर की पैदावार

मसूर की बुवाई के बादए आप 110 से 140 दिनों के अंदर 25 क्विंटल तक दानों की पैदावार कर सकते हैं। इसके अलावाए आप 30 से 35 क्विंटल पशु चारे का उत्पादन भी कर सकते हैं।

मसूर की मिश्रित खेती एक अद्वितीय तकनीक है जो किसानों को अधिक मुनाफा कमाने में मदद कर सकती है। सही समय पर खेती करने और उर्वरकों का सही उपयोग करने से आप मसूर की पैदावार में सुधार कर सकते हैं। इस तकनीक का अच्छा प्रयोग करकेए आप डबल मुनाफा कमा सकते हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

नोट- अगर आप भी किसान भाई खेती बाड़ी से जुड़ी जानकारी खेत खजाना को देना चाहते हो तो आप अपने की खेत की फोटो के साथ पूरी जानकारी सहित भेजे।

Tags:
Next Story
Share it