हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती: खुशबूदार खेत, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

केसर प्राचीन काल से भारतीय व्यंजनों में उपयोग की जाने वाली महत्वपूर्ण मसाला फसल है। इसमें औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग खासतर स्वास्थ्य सुधारने में किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती: खुशबूदार खेत, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
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इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती के बढ़ते प्रतिष्ठान के बारे में। यह प्रोजेक्ट हिमाचल के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आ रहा है और भारत को केसर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।

1. हिमाचल के खेतों में केसर की खेती का आगाज

हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने सीएसआइआर-आइएचबीटी के साथ मिलकर केसर की खेती को बढ़ावा देने का प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर के बाहर भी केसर की खेती को बढ़ावा देना है और विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करके भारत को केसर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।

2. केसर: भारतीय व्यंजनों का महत्वपूर्ण हिस्सा

केसर प्राचीन काल से भारतीय व्यंजनों में उपयोग की जाने वाली महत्वपूर्ण मसाला फसल है। इसमें औषधीय गुण होते हैं और इसका उपयोग खासतर स्वास्थ्य सुधारने में किया जाता है।

3. हिमाचल में केसर की खेती का प्रशिक्षण

सीएसआइआर-आइएचबीटी ने हिमाचल के गैर पारंपरिक क्षेत्रों में केसर की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया है। इसमें चंबा, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी और शिमला जिलों के 15 से अधिक अधिकारी शामिल हुए।

4. केसर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि

केसर की खेती के लिए हिमाचल में कुछ विशिष्ट क्षेत्र हैं जो इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। इनमें भरमौर, तीसा, किन्नौर की सांगला घाटी, कुल्लू के निरमंड, और कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल क्षेत्र शामिल हैं। ये क्षेत्र सुष्क समशीतोष्ण जलवायु में केसर के उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं।

5. नई तकनीकों का उपयोग

सीएसआइआर-आइएचबीटी में नई टिश्यू कल्चर सुविधा का निर्माण किया जा रहा है जो सालाना 3.5 लाख रोगमुक्त कीट पैदा करने में सक्षम होगी। इससे केसर की खेती में बीजों की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होगा।

6. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

केसर की खेती से हिमाचल की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा और इसके आयात में कमी आएगी। यह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

संक्षेप:

हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती के प्रोजेक्ट के तहत, कृषि विभाग और सीएसआइआर-आइएचबीटी मिलकर केसर की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। इसके माध्यम से हिमाचल के किसानों को नई तकनीकों का प्रयोग करके केसर की खेती में मदद मिलेगी और यह भारत को केसर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पॉजिटिव प्रभाव पड़ेगा और केसर के आयात में कमी आएगी। केसर की खेती के लिए उपयुक्त भूमि के चयन से लेकर नई तकनीकों के प्रयोग तक, इस प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश के किसानों को बेहतर फसल उत्पादन का मौका मिलेगा।

सारांश:

हिमाचल प्रदेश में केसर की खेती के प्रोजेक्ट के तहत, नई तकनीकों का प्रयोग करके किसानों को समर्थन प्रदान किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत को केसर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे हिमाचल की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा प्रभाव पड़ेगा और केसर के आयात में कमी आएगी।

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