हरा आलू खाना चाह‍िए या फ‍िर नहीं? सेहत के लिए कितना है फायदेमंद ? विशेष रिपोर्ट

हरा आलू खाना चाह‍िए या फ‍िर नहीं? सेहत के लिए कितना है फायदेमंद ? विशेष रिपोर्ट
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हरा आलू खाना चाह‍िए या फ‍िर नहीं? सेहत के लिए कितना है फायदेमंद ? विशेष रिपोर्ट

खेत खजाना : आलू, हर घर की रसोई में एक आम चीज है जिससे हम सबने कभी न कभी अवगत होते हैं। इसे सब्जी, चिप्स, और अन्य व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। आमतौर पर आलू का हरा हिस्सा सफेद होता है, लेकिन क्या इसका सेवन करना सुरक्षित है या नहीं? सोशल मीडिया पर फैले भ्रम को देखते हुए हम इस सवाल का उत्तर जानने के लिए एक रिसर्च की ओर बढ़ते हैं।

क्या रिसर्च कहती है?

अमेरिका के साइंटिस्ट मैरी मैकमिलन और जेसी थॉम्पसन ने आलू के हरे रंग पर अध्ययन किया है, जिसका रिजल्ट र्क्वाटली जनरल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है। उनके अनुसार, आलू का हरा होना उसके जानलेवा होने का स्पष्ट संकेत नहीं है, लेकिन इसमें कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। उनकी रिसर्च के अनुसार, सोलानाइन नामक जहरीले पदार्थ की मौजूदगी के कारण आलू का सेवन कुछ लोगों के लिए किसी नुकसानकारक प्रभाव को उत्पन्न कर सकता है।

सोलानाइन: एक खतरनाक जहरीला पदार्थ

रिपोर्ट के मुताबिक, आलू के हरे रंग में सोलानाइन नामक जहरीले पदार्थ की मौजूदगी हो सकती है। सोलानाइन एक ग्लाइकोअल्कलॉइड है, जिसे जब आलू क्षतिग्रस्त होते हैं या फिर सुरज की रोशनी में रहते हैं, तो इसकी मात्रा बढ़ जाती है। यह जहरीला पदार्थ हमारे लिए हानिकारक हो सकता है, और यूरोप में इसकी मात्रा पर पाबंदियां लगाई गई हैं।

सुरक्षित इस्‍तेमाल के तरीके

आलू का सेवन करते समय हमें ध्यान रखना चाहिए कि यह हरा और स्वस्थ होना चाहिए। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, आलू के हरे भागों और कड़वे स्वाद वाले आलू का सेवन नहीं करना चाहिए। छिलके को निकालने के बाद, अगर आलू सख्त और खींची हुई है, तो इसे न खाएं। सोलानाइन की मात्रा को कम करने के लिए आलू को उबालना, माइक्रोवेव करना, तलना, या भूनना सुरक्षित होता है। सोलानाइन की मौजूदगी के कारण आलू कड़वा हो सकता है, लेकिन इसे सही तरीके से संग्रहित करने के लिए ध्यान देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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सावधानी से उपभोग करें

आलू का सेवन सावधानी से करना चाहिए, और उसके हरे भागों और सख्त आलू का इस्‍तेमाल बच्चों और बूढ़ों को नहीं करना चाहिए। छिलका निकालने के बाद आलू को उबालने, माइक्रोवेव करने, तलने, या भूनने से सोलानाइन की मात्रा कम हो जाती है। सोलानाइन की मौजूदगी से आलू कड़वा हो सकता है, इसलिए इसे सही तरीके से संग्रहित करना भी बहुत महत्वपूर्ण है।

आलू का सही तरीके से सेवन करना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, परंतु सोलानाइन की मौजूदगी के कारण हमें इसे सावधानी से खाना चाहिए। सही तरीके से प्रस्तुत किए गए आलू से हम सोलानाइन के नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं और आलू को स्वस्थ तरीके से शामिल कर सकते हैं।

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