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Smart farming: कम लागत में बेहतर मुनाफा पाना है तो तुरंत शुरू करे हल्दी की खेती, किसान होंगे मालामाल

हल्दी एक जरूरी मसाला और औषधीय फसल है, जिसका उपयोग भारतीय रसोई से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।

Smart farming: कम लागत में बेहतर मुनाफा पाना है तो तुरंत शुरू करे हल्दी की खेती, किसान होंगे मालामाल

 

हल्दी की खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद खेती के रूप में उभर रही है, खासकर ऐसे समय में जब पारंपरिक फसलें जैसे धान और गेहूं में मुनाफा कम हो रहा है। बहराइच जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर नंदन सिंह के अनुसार, हल्दी की खेती में कम लागत में अधिक मुनाफा होने के साथ-साथ इसे घर पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है, जिससे किसानों को बाजार के अनुकूल समय पर इसे बेचने का अवसर मिलता है।

हल्दी की खेती का लाभ

हल्दी एक जरूरी मसाला और औषधीय फसल है, जिसका उपयोग भारतीय रसोई से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। हल्दी की खेती करने वाले किसानों को जहां कम लागत में अधिक उत्पादकता मिलती है, वहीं इसका भंडारण भी सरल और सस्ता होता है।

हल्दी की खेती के लिए आवश्यक जलवायु और मिट्टी
हल्दी की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। खेती के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान और 225-250 सेंटीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही, लाल, चिकनी दोमट या मटियार दोमट मिट्टी, जिसमें जल निकासी की क्षमता बेहतर हो, हल्दी की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है। मानसून की पहली बारिश के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार किया जाना चाहिए, जिसमें चार से पांच बार गहरी जुताई करना शामिल है।

हल्दी है एक सुरक्षित फसल

 

हल्दी की फसल को घर पर ही सुरक्षित रखा जा सकता है और उचित भाव आने पर इसे बाजार में बेचा जा सकता है। यह सुविधा किसानों को बाजार की अनिश्चितताओं से बचाती है और उन्हें अपनी फसल को मनचाहे मूल्य पर बेचने का मौका देती है। इसके अलावा, हल्दी की फसल में किसी भी प्रकार के कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता नहीं होती, जिससे किसानों को अतिरिक्त खर्च से बचने का अवसर मिलता है।

किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह
कृषि विज्ञान केंद्र की सलाह के अनुसार, किसान हल्दी की खेती को और भी प्रभावी ढंग से कर सकते हैं। इससे न केवल उन्हें बेहतर उत्पादन मिलेगा, बल्कि वे अपने मुनाफे में भी वृद्धि कर सकेंगे। हल्दी की बढ़ती मांग और इसके बहुपयोगी गुणों को देखते हुए, यह फसल किसानों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प के रूप में उभर रही है।

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