क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक 104 गांवों के 1396 किसानों ने करवाया पंजीकरण

पोर्टल पर 6538 एकड़ में फसल खराबे और 24 मकानों की ही जानकारी हुई है दर्ज

क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक 104 गांवों के 1396 किसानों ने करवाया पंजीकरण
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खेत खजाना सिरसा। घग्गर नदी के कारण फसल, मकान, ट्यूबवेल सहित अन्य नुकसान की जानकारी दर्ज करने के लिए सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया था। जिसमें अब तक 104 गांवों के कुल 1396 किसानों की ओर से पंजीकरण करवाया जा चुका है। जिले में कुल 6538 एकड़ का पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुआ है। वहीं जिले में केवल 24 मकानों गिरने व क्षतिग्रस्त होने की जानकारी पोर्टल पर दर्ज हुई है। ऐसे में अब प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी की ओर से नुकसान का आकलन किया जाएगा और रिपोर्ट मुख्यालय में भेजी जाएगी।

सरकार की ओर से 25 अगस्त तक को की क्षतिपूर्ति पोर्टल पर नुकसान दर्ज करने को लेकर अपील की गई थी। जिसके बाद पोर्टल बंद करने को लेकर निर्देश दिए थे। जिले के सिरसा ब्लॉक में सबसे अधिक गांवों में नुकसान होना पोर्टल पर दर्ज पाया गया है। सिरसा ब्लॉक के 39 गांवों के कुल 1026 किसानों की ओर से रजिस्ट्रेशन करवाया गया है। सिरसा में कुल 4985 एकड़ का नुकसान दर्ज हुआ है।

जिसमें धान, नरमा, हरा चारा शामिल हैं। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होने के बाद अब ऑनलाइन आकलन होगा। वेरिफिकेशन की प्रक्रिया साथ चल रही है। ऑनलाइन वेरिफिकेशन होने के बाद प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी फिजिकल तौर पर जांच करने के लिए मौके पर पहुंचेंगी और नुकसान का आकलन होगा।

जिसके बाद सरकार को नुकसान की पूरी रिपोर्ट भेजी जाएगी। सरकार की ओर से जांच किए जाने के बाद ही पीड़ित किसानों व ग्रामीणों को इसका मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि प्रक्रिया लंबी होने के कारण कई किसानों ने अब दोबारा से धान की रोपाई करने, मोटर तैयार करवाने और मकान बनाने का काम भी कर लिया है।

जिन किसानों ने दोबारा से की धान की रोपाई, उन्हें उठाना पड़ सकता है नुकसान

जिले के करीब 10 हजार एकड़ में नुकसान होने का अनुमान लगाया गया था। जिसमें से 6538 एकड़ का ही क्षतिपूर्ति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन हुआ है। वहीं घग्गर नदी के अंदर के क्षेत्र और गांव के साथ लगी जमीन में कई किसानों ने दोबारा से धान की रोपाई कर दी। इस कारण उन किसानों को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। अब फिजिकल तौर पर होने वाली जांच में धान की फसल लगी होने के कारण वह खराबे ने आने के कारण किसानों को दोहरी मार भी झेलनी पड़ सकती है। हालांकि सरकार की ओर से पहले ही घोषणा की गई थी कि जिन किसानों ने दूसरी बार धान की रोपाई कर दी है उनको भी नुकसान में शामिल कर मुआवजा दिया जाएगा। लेकिन अभी तक किसी भी तरह की प्रक्रिया शुरू न होने के कारण किसानों को इसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

क्षतिपूर्ति पोर्टल 25 अगस्त तक को खुला रहने संबंधित जानकारी मिली थी। पोर्टल के समय को बढ़ाने को लेकर अभी तक कोई भी सूचना नहीं मिली है। जिले के 104 गांवों की ओर से रजिस्ट्रेशन करवाया गया है।


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