सिर्फ 1000 रुपये के घरेलू देसी जुगाड़ में करें मछली पालन का बिजनेस, होगी बंपर कमाई

सिर्फ 1000 रुपये के घरेलू देसी जुगाड़ में करें मछली पालन का बिजनेस, होगी बंपर कमाई
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सिर्फ 1000 रुपये के घरेलू देसी जुगाड़ में करें मछली पालन का बिजनेस, होगी बंपर कमाई

खेत खजाना : मछली पालन का बिजनेस एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें कम लागत और ज्यादा मुनाफा है। इस बिजनेस को आप बायोफ्लॉक विधि या देशी जुगाड़ से शुरू कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको इन दोनों तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

मछली पालन का बिजनेस क्या है?

मछली पालन का बिजनेस में आप मछलियों को टैंक, पॉन्ड या कंटेनर में पालते हैं और उन्हें बेचकर पैसा कमाते हैं। मछली पालन का बिजनेस भारत में काफी लोकप्रिय है क्योंकि मछली की मांग बाजार में हमेशा रहती है। मछली एक उत्कृष्ट प्रोटीन स्रोत है और इसके सेवन से अनेक स्वास्थ्य लाभ होते हैं।

मछली पालन का बिजनेस आप अलग-अलग प्रकार की मछलियों से कर सकते हैं। जैसे कि रोहू, कटला, मृगल, नैन, सिंघाड़ा, मगूर, सोल, प्रॉन आदि। इनमें से कुछ मछलियां खारे पानी में पाली जाती हैं और कुछ मीठे पानी में। आपको अपने बिजनेस के लिए वही मछली चुननी है जिसकी आपके इलाके में ज्यादा मांग हो।

मछली पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें?

मछली पालन का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको दो तरीकों में से कोई एक तरीका अपनाना होगा। एक है बायोफ्लॉक विधि और दूसरा है देशी जुगाड़। इन दोनों तरीकों के बारे में हम आपको नीचे बताएंगे।

बायोफ्लॉक विधि

बायोफ्लॉक विधि एक ऐसी तकनीक है जिसमें मछलियों का पालन कम पानी और कम जगह में किया जाता है। इस तकनीक में मछलियों को सीमेंट या मोटी पॉलिथीन से बने टैंक में रखा जाता है। इन टैंकों में बैक्टीरिया का इस्तेमाल किया जाता है जो मछलियों के मल को प्रोटीन में बदल देते हैं। इससे मछलियों को बाहर से ज्यादा खाना नहीं देना पड़ता है और वे तेजी से बढ़ते हैं।

बायोफ्लॉक विधि के लाभ:

इस विधि में कम लागत, कम पानी और कम जगह की जरूरत होती है।

इस विधि में मछलियों का विकास तेज होता है और उनकी मृत्यु दर कम होती है।

इस विधि में मछलियों को बाहर से ज्यादा खाना नहीं देना पड़ता है जिससे खाने की लागत कम होती है।

इस विधि में मछलियों को बीमारियों से बचाने के लिए कोई दवा या रसायन नहीं देना पड़ता है।

इस विधि में मछलियों का पालन वर्ष भर किया जा सकता है।

बायोफ्लॉक विधि के लिए आवश्यक सामग्री:

सीमेंट या मोटी पॉलिथीन से बने टैंक

पानी

मछलियां

बैक्टीरिया

ऑक्सीजन पंप

खाना

थर्मोमीटर

पीएच मीटर

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