1000 आम के पेड़ और 70 साल के बुजुर्ग किसान की कहानी, देखिए कैसे 10 बीघा बंजर जमीन में सफल बनाई आम की फसल

इसके अलावा उन्होंने बगीचे में मल्लिका, लंगड़ा, दशहरी, चौसा, आम्रपाली, केसर, स्वर्णरेखा आदि प्रकार के आम उगाए हैं।

खेतखाजाना

1000 आम के पेड़ और 70 साल के बुजुर्ग किसान की कहानी, देखिए कैसे 10 बीघा बंजर जमीन में सफल बनाई आम की फसल

कोटा जिले के मोतीपुरा गांव में स्थित कैथून के पास वसंतपुरा गांव में रहने वाले ओपी शर्मा, जिन्हें थर्मल प्लांट के रिटायर्ड अधीक्षण अभियंता भी कहा जाता है, ने अपने बगीचे में जैविक खेती की शुरुआत की है। इस आम के तैयार बगीचे में 1000 पेड़ों को 10 बीघा क्षेत्र में उगाया गया है। शर्मा ने इसमें उच्च गुणवत्ता वाले पौधे लगाए हैं, जिन्हें वे दूसरे राज्यों से प्राप्त कर लाए थे। इसके बाद से उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर चुके हैं और इस बगीचे में उनके द्वारा उगाए गए आम उच्च गुणवत्ता वाले हैं।

उन्नत आम के प्रकार और बगीचे में खेती

शर्मा अपने बगीचे में कई विभिन्न प्रकार के आम उगाते हैं। उनके पास अमेरिकन किस्म का टॉमी एटकिंस आम भी है, जो कि शुगर फ्री होता है। इसके अलावा उन्होंने बगीचे में मल्लिका, लंगड़ा, दशहरी, चौसा, आम्रपाली, केसर, स्वर्णरेखा आदि प्रकार के आम उगाए हैं। इन उच्च गुणवत्ता वाले आमों का वजन पहले साल में 20 किलो था, लेकिन अब यह 30 किलो तक पहुंच गया है। शर्मा ने वर्तमान में लगभग 300 क्विंटल आम उत्पादित किए हैं, जो कि उनके पहले साल के उत्पादन की तुलना में बड़ी बढ़ोतरी है।

जैविक खेती में उन्नत तकनीक का उपयोग

शर्मा ने जैविक खेती के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग किया है। उन्होंने पूरे खेत में ड्रिप इरिगेशन सिस्टम लगाया हुआ है, जिससे पौधों को सही मात्रा में पानी मिलता है। इसके अलावा, वे खेती के लिए छोटा ट्रैक्टर, रोटावेटर, और अन्य कृषि उपकरणों का उपयोग करते हैं। उन्होंने जैविक तरीके से बनाए गए कीटनाशक का भी उपयोग करते हैं, जो पौधों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है। इस तरह के उन्नत तकनीकों के उपयोग से शर्मा की खेती काफी ससफल हो रही है और उनके उत्पाद उच्च गुणवत्ता वाले हो रहे हैं।

सामान्य किसानों से अलग तरीके की खेती

शर्मा की खेती का तरीका सामान्य किसानों से थोड़ा अलग है। उनके पौधों की देखभाल करने के लिए वह रोज़ाना मॉनिटरिंग करते हैं और उन्हें उच्च गुणवत्ता में पालते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करके जैविक खेती के तरीकों को सीखा है और उन्हें अपने खेती में अपनाया है।

बाजार में बढ़ती मांग के साथ उच्च गुणवत्ता के आमों की कमी

शर्मा के द्वारा उगाए गए आमों की मांग बाजार में बढ़ रही है, क्योंकि उनके आम बाजार में मिलने वाले आमों से अलग होते हैं। उनके आम का स्वाद रासायनिक खाद और पेस्टिसाइड के उपयोग से उगाए गए आम से काफी अलग होता है। हालांकि, इसके बावजूद, शर्मा को अभी तक अपने उच्च गुणवत्ता वाले आमों को बाजार में ठेलने के लिए कोई मंडी या प्लेटफॉर्म नहीं मिला है।

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