डीएपी खाद की बोरी में 140% सब्सिडी की हुई वृद्धि, पहले से दुगना सस्ता मिलेगा DAP और यूरिया का कट्टा, देखिए ताजा रेट

इस नये फैसले के अनुसार, किसानों को पहले 500 रुपये प्रति बोरी की जगह अब 1,200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी।

डीएपी खाद की बोरी में 140% सब्सिडी की हुई वृद्धि, पहले से दुगना सस्ता मिलेगा DAP और यूरिया का कट्टा, देखिए ताजा रेट
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डीएपी खाद की बोरी में 140% सब्सिडी की हुई वृद्धि, पहले से दुगना सस्ता मिलेगा DAP और यूरिया का कट्टा, देखिए ताजा रेट


किसानों के लिए अच्छी खबर आई है, क्योंकि डीएपी खाद की सब्सिडी में 140% की बढ़ोतरी की गई है। इससे किसानों को खाद की बोरियां सस्ते दामों में मिलेंगी और उन्हें अपनी खेती की देखभाल में और भी आसानी होगी। इस नई योजना के अनुसार, डीएपी खाद की कीमतों में गिरावट के साथ ही सब्सिडी में भी वृद्धि हुई है।

इस नये फैसले के अनुसार, किसानों को पहले 500 रुपये प्रति बोरी की जगह अब 1,200 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। जो किसान डीएपी खाद का उपयोग करते हैं, उन्हें अब केवल 1,200 रुपये में एक बोरी मिलेगी वो भी सब्सिडी के साथ, जो कि पहले 2,400 रुपये थी। इससे किसान अपनी खेती में बेहतर उपयोग कर सकेंगे और उन्हें खाद की खरीद में भी आराम होगा।

डीएपी खाद की कीमतों में बढ़ोतरी का परिणाम

यह नया फैसला केंद्र सरकार के द्वारा लिया गया है ताकि किसानों को उचित मूल्य पर खाद मिल सके और वे अपनी खेती को और भी प्रभावी बना सकें। इससे किसानों को खाद की खरीद में आराम होगा और उन्हें उचित मूल्य पर उपलब्ध होगी।

डीएपी खाद की कीमतें:

देखे कैसे डीएपी खाद की कीमतों में बदलाव हुआ है:

साल कीमत प्रति बोरी

पहले 1200 रुपये

बाद में 1700, 1900 रुपये

अब फिर से 1200 रूपये

देखिये समय के साथ डीएपी खाद की कीमतें बढ़ती आ रही हैं और कैसे केंद्र सरकार ने किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है।

नई सब्सिडी की बढ़ोतरी:

केंद्र सरकार ने इस नए फैसले के तहत किसानों को डीएपी खाद की खरीद में बड़ी राहत प्रदान की है। इससे किसान अब सस्ते मूल्य पर खाद खरीद सकेंगे और उन्हें उचित मूल्य पर सब्सिडी मिलेगी।


डीएपी खाद की कीमतों में हुई बड़ी बदलावी से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। यह नया फैसला केंद्र सरकार के द्वारा किया गया है ताकि किसान अपनी खेती को और भी प्रभावी बना सकें और उन्हें सस्ते मूल्य पर खाद मिले। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा और उन्हें खेती की देखभाल में और भी सुविधा मिलेगी।

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