Success Story: बेर की खेती से किसान बना लखपति! जानिए सफलता की पूरी कहानी
नागौर के एक किसान ने रेतीली जमीन पर कश्मीरी सेब, अर्थात बैर की खेती की है, जो कि उनकी जमीन की अद्वितीयता को देखते हुए एक अनोखी पहल है। यह किसान, मनसाराम, नागौर का एकमात्र ऐसा व्यक्ति है जिन्होंने रेतीली जमीन पर बगीचे की खेती की और उसमें सफलता प्राप्त की है। इस बगीचे की खेती में किसान के बेटे सगाराम ने भी अच्छा साथ दिया है।
किसान मनसाराम ने बताया कि उन्होंने जयपुर से मिले वैज्ञानिकों की मदद से दो प्रमुख किस्में, गोला बैर और कश्मीरी बैर, की खेती की। इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए उन्होंने सही तकनीकों का उपयोग किया और पेड़ों को वैज्ञानिक तरीके से ग्राफ्टेड किया।
जैविक विधि का लिया सहार
सगराम बताते हैं कि उनके पिताजी ने खेती करते समय संश्लेषण का उपयोग किया और किसी भी प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया। वे राजस्थान के पश्चिमी इलाकों में पानी की कमी को ध्यान में रखते हुए जैविक तरीके से खेती की।
उन्होंने 30 बीघा खेत में 1000 पेड़ लगाए और इनके बीच में 15-15 फीट की दूरी बनाई। इससे खेत के बीच छोड़ी गई ज़मीन पर अन्य फसलों की खेती की जाती थी। उनके पिताजी की इस तकनीक ने ही उन्हें खेती करने की योग्यता दी।
इतनी प्राप्त होती है आय
किसान ने बताया कि बैर के सीजन मे चार से पांच लाख की आय प्राप्त हो जाती है. किसान का कहना है कि थाई एप्पल बैर, कश्मीरी बैर और गोला बैर की किस्म है. वही इनमें सबसे ज्यादा थाई एप्पल बैर की मांग ज्यादा रहती है. किसान ने बताया कि जब बैर के वृक्ष को लगाने के बाद उस पर फल लगने प्रारंभ हो जाते है तो उसके बाद प्रत्येक बैर के वृक्ष पर 500 रुपये तक खर्च आता है, जबकि 2500 रुपये के आस-पास प्रत्येक बैर के वृक्ष से आय प्राप्त हो जाती है.
बारिश का पानी लिया काम में
सगराम बताते है कि पानी की कमी होने के कारण खेत मे फॉर्म पौंड बनाये गए और बारिश का पानी एकत्रित कर पेड़ो में पानी दिया जाता है.