Success Story: 1100000000 रुपये महिला ने दिए दान, सिर्फ 19 साल की उम्र में हो गई थी शादी, कैमरा-मीडिया से रखती है दूरिया
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खेत खजाना: सुष्मिता बागची एक बहुमुखी प्रतिभा हैं। वह एक लेखिका, एक परोपकारी और एक सफल उद्यमी हैं। वह माइंडट्री की सह-संस्थापक हैं, जो एक प्रमुख आईटी सेवा और परामर्श कंपनी है। वह अपने लेखन और दान के कारण जानी जाती हैं। वह भारत की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक हैं।
सुष्मिता बागची का जीवन परिचय
सुष्मिता बागची का जन्म 1974 में कटक में हुआ। उनकी मां शकुंतला पांडा एक प्रसिद्ध उड़िया लेखिका थीं। सुष्मिता ने अपनी मां से लेखन की प्रेरणा ली। उन्होंने राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और दिल्ली विश्वविद्यालय में लेक्चरर के रूप में काम किया।
सुष्मिता ने अपने पति सुब्रतो बागची से 1993 में शादी की। वह तब सिर्फ 19 साल की थीं। सुब्रतो एक आईटी कंसल्टेंट थे। उन्होंने 1999 में माइंडट्री की स्थापना की। सुष्मिता ने भी अपने पति को उनके उद्यम में सहायता की। वह 2019 तक माइंडट्री की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) रहीं।
सुष्मिता बागची का लेखन
सुष्मिता बागची ने अपने लेखन के जरिए अपनी भावनाओं, विचारों और अनुभवों को व्यक्त किया। उन्होंने अपनी मां की पत्रिका सुचरिता को आगे बढ़ाया। उन्होंने अंग्रेजी और उड़िया में पांच उपन्यास, एक यात्रा वृत्तांत और कई लघु कथाओं के संग्रह लिखे। उनके उपन्यास में मानसिक स्वास्थ्य, नारी शक्ति, उद्यमिता और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान दिया गया है। उनके पाठक उनके लेखन की सराहना करते हैं।
सुष्मिता बागची का दान
सुष्मिता बागची एक उदार और दयालु परोपकारी हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक कार्यों में लगाया है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, आर्ट और कल्चर जैसे क्षेत्रों में दान दिया है। उन्होंने 2022 में 213 करोड़ रुपये और 2023 में 110 करोड़ रुपये का दान दिया। उन्होंने अपने दान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं।
सुष्मिता बागची का संदेश
सुष्मिता बागची एक प्रेरणा का स्रोत हैं। वह एक आदर्श नारी, एक अच्छी पत्नी, एक निष्ठावान माता, एक बुद्धिमान उद्यमी, एक कुशल लेखिका और एक दयालु परोपकारी हैं। वह अपने काम और कर्म से बोलती हैं। वह अपने जीवन का संदेश देती हैं कि हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करनी चाहिए, अपने समाज के लिए कुछ करना चाहिए और अपने आत्मसम्मान को बनाए रखना चाहिए।