कब्जे की जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, किरायेदार ने कर लिया कब्जा तो मालिक कौन है ? देखे खास अपडेट

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कब्जे की जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, किरायेदार ने कर लिया कब्जा तो मालिक कौन है ? देखे खास अपडेट

खेत खजाना : आपने कभी सोचा है कि अगर आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है और उस पर किरायेदार का कब्जा हो गया है, तो आपको उसे वापस पाने में कितना वक्त लगेगा? शायद आपको लगे कि ये बात आसान है और आप अदालत में जाकर अपना हक मांग सकते हैं। लेकिन ये इतना आसान नहीं है, जैसा कि जयपुर के रवि खंडेलवाल का मामला बताता है।

रवि खंडेलवाल ने 1985 में जयपुर में एक प्रॉपर्टी खरीदी, जिस पर तुलिका स्टोर्स का कब्जा था। उन्होंने उसे खाली करने को कहा, लेकिन वह मना कर दिया। तब शुरू हुआ एक लंबा और जटिल कानूनी लड़ाई, जिसमें निचली अदालत, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाई कोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। इस दौरान, रवि खंडेलवाल की जिंदगी का काफी समय बर्बाद हो गया, और उन्हें अपनी प्रॉपर्टी पर कब्जा पाने में 38 साल लग गए।

ये एक अद्भुत और दुर्भाग्यपूर्ण कहानी है, जो देश की अदालतों में लंबित केसों की स्थिति को दर्शाती है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि कब्जे का हक पाने के लिए आपको किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और कैसे आप इससे बच सकते हैं।

कब्जे का हक पाने की प्रक्रिया

अगर आपने कोई प्रॉपर्टी खरीदी है, और उस पर किरायेदार का कब्जा हो गया है, तो आपको उसे वापस पाने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:

पहला चरण है कि आप किरायेदार को नोटिस भेजें, जिसमें आप उसे निर्धारित समय के भीतर प्रॉपर्टी खाली करने का आदेश दें। ये नोटिस आपके वकील द्वारा लिखा जाना चाहिए, और उसमें आपके और किरायेदार के बीच की किराया अनुबंध की शर्तें शामिल होनी चाहिए।

दूसरा चरण है कि अगर किरायेदार नोटिस का जवाब नहीं देता है, या उसका जवाब असंतोषजनक है, तो आपको अपने नजदीकी ट्रायल कोर्ट में एक विवाद दायर करना होगा, जिसमें आप अपना कब्जा वापस मांगें। इसके लिए आपको अपने वकील के साथ मिलकर एक प्लेंट तैयार करना होगा, जिसमें आपके और किरायेदार के बीच की पूरी कहानी, आपके दावे, और आपके सबूत शामिल होंगे।

तीसरा चरण है कि जब आपका प्लेंट दायर हो जाता है, तो अदालत आपके केस को सुनने के लिए एक तारीख निर्धारित करेगी, और आपको और किरायेदार को उस तारीख को पेश होने का नोटिस भेजेगी। उस तारीख को, आप और आपका वकील अदालत में पहुंचेंगे, और अपने दावे को समर्थित करने के लिए अपने सबूत पेश करेंगे। किरायेदार भी अपने वकील के साथ अदालत में पहुंचेगा, और अपने बचाव को समर्थित करने के लिए अपने सबूत पेश करेंगे।

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