बेगूसराय के किसान ने ताइवानी अमरूद से कमाई की नई राह!

प्रगतिशील किसान अनीश कुमार ने पारंपरिक खेती से हटकर ताइवानी अमरूद की खेती करके नई उचाईयों को छू लिया है। उनकी मेहनत और नवाचारी सोच ने न केवल उन्हें बल्कि बेगूसराय के किसान समुदाय को भी नई राह दिखाई है।

बेगूसराय के किसान ने ताइवानी अमरूद से कमाई की नई राह!
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किसानों की मेहनत और नवाचार का परिणाम बिहार के बेगूसराय शहर में दिख रहा है। यहां के प्रगतिशील किसान अनीश कुमार ने पारंपरिक खेती से हटकर ताइवानी अमरूद की खेती करके नई उचाईयों को छू लिया है। उनकी मेहनत और नवाचारी सोच ने न केवल उन्हें बल्कि बेगूसराय के किसान समुदाय को भी नई राह दिखाई है।

नया किर्तिमान स्थापित करने वाले किसान

बेगूसराय जिले के किसान अनीश कुमार ने अपने नवाचारी दृष्टिकोण के साथ एग्रो सेक्टर में अपनी पहचान बनाई है। वे केवल किसान नहीं बल्कि सलाहकार भी हैं, और उन्होंने दिखाया है कि तकनीक और इनोवेशन से किसान अपनी कमाई में वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने पारंपरिक खेती को पीछे छोड़कर ताइवानी अमरूद की खेती की और इससे लाखों रुपये की आमदनी की है।

ताइवानी अमरूद की खेती में नवाचार

किसान अनीश कुमार ने अपनी कहानी में बताया कि उन्होंने बेगूसराय शहर के बाजार से 100 रुपये किलो ताइवानी अमरूद खरीदकर इस विचार को शुरू किया। इस अमरूद का स्वाद मिठाई की तरह था और इसका गुलाबी रंग देखकर ही उन्हें खेती का आइडिया आया। इसके बाद, उन्होंने 2022 में 12 ताइवानी पिंक अमरूद के पौधे लगाए और इसकी खेती की। पहले 6 महीनों में ही पौधों में फल आने लगे और उन्होंने बताया कि इस प्रयोग में उनकी मेहनत सफल रही है।

ताइवानी अमरूद की बागवानी से कमाई का मौका

अनीश कुमार के अनुसार, ताइवानी अमरूद की बागवानी से विशेष मुनाफा कमाया जा सकता है। एक एकड़ में 444 पौधों की बागवानी करके किसान एक साल में 8 से 10 लाख रुपये तक कमाई कर सकते हैं। यहां तक कि उनके अनुसार, ताइवानी अमरूद की खेती परंपरिक खेती की तुलना में कम लागत में बेहतर मुनाफा देती है।

अन्य किसानों को प्रेरित करने वाले उदाहरण

अनीश कुमार ने अपने सफल प्रयासों से न केवल अपने फायदे किये, बल्कि उन्होंने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया। वे बताते हैं कि उनकी सफलता से दुसरे किसानों को भी ताइवानी अमरूद की खेती करने में आत्मविश्वास मिला है।

उत्तराधिकारियों को मिली नहीं सहायता

यह बात खास ध्यान देने वाली है कि अनीश कुमार की सफलता में किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं थी। उन्होंने न केवल खुद पर विश्वास किया, बल्कि तकनीकी ज्ञान और मेहनत से अपनी मंजिल को हासिल किया।

अनीश कुमार की कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसान अपने नवाचारी विचारों के साथ अपने क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर सकते हैं। ताइवानी अमरूद की खेती से किसान न केवल कम लागत में बल्कि बेहतर मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं, जो कि उनके और उनके परिवार के जीवन को सुखमय बना सकता है।

निष्कर्ष:

बेगूसराय के किसान अनीश कुमार की कहानी से स्पष्ट होता है कि तकनीक और नवाचार की मदद से किसान अपने क्षेत्र में नई दिशाओं की ओर बढ़ सकते हैं। उनकी मेहनत और निरंतर प्रयत्नों से उन्होंने ताइवानी अमरूद की खेती से न केवल अपने फायदे किए बल्कि दूसरे किसानों को भी प्रेरित किया। इसका संदेश है कि सही मानसिकता, नवाचारी सोच, और मेहनत से हर किसान अपने सपनों को हकीकत बना सकता है।

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