लगातार गिर रहा सफेद कपास का रकबा, धान की खेती की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान, जाने क्यों ?

लगातार गिर रहा सफेद कपास का रकबा, धान की खेती की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान, जाने क्यों ?
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खेत खजाना, चंडीगढ़: पंजाब में किसानों की उत्साहजनक दिशा में बदलते हुए हालात देखे जा रहे हैं। वर्षों से लगातार गिरते रहे सफेद कपास के रकबे ने किसानों को धान की खेती की तरफ मोहित कर दिया है। अपर्याप्त फसली विभिन्नता और कीटों के हमले के कारण किसानों ने सफेद कपास को छोड़कर धान की खेती पर ध्यान केंद्रित किया है। इस लेख में, हम इस समस्या के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे और किसानों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।

कपास का रकबा और धान की खेती:

पिछले सालों से सफेद कपास का रकबा लगातार घट रहा है और इस बार 1.75 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। यह स्थिति दिखा रही है कि किसानों के मन में सफेद कपास की बजाय धान की खेती के प्रति अधिक रुचि हो रही है। सरकार ने फसली विभिन्नता को कम करने के लिए कई प्रयास किए हैं, लेकिन इन प्रयासों का सफलतापूर्वक परिणाम नहीं मिला है।

कपास के समस्याएं:

कपास के तहत कवरेज में कमी के पीछे कई कारण हैं। पिछले दो वर्षों से सफेद मक्खी के संक्रमण और गुलाबी बॉलवर्म कीटों के हमले के कारण कपास को नुकसान हुआ है। सफेद मक्खियां कपास को नुकसान पहुंचाती हैं और गुलाबी बॉलवर्म के लारवा बीजों को खाते हैं और उत्पादन पर असर डालते हैं। ये समस्याएं किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हैं और इसलिए वे अब धान की खेती पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

किसानों का धान की खेती में रुझान:

पंजाब में कपास के रकबे की गिरावट के बावजूद, किसानों का रुझान धान की खेती की तरफ बढ़ रहा है। 2021-22 के दौरान पंजाब में धान की बीजाई का रकबा 31.45 लाख हेक्टेयर रहा है। किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि धान की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा की जाती है, जिसके कारण उन्हें धान की खेती में अधिक विश्वास होता है।

नई कृषि नीति की आवश्यकता:

नई कृषि नीति तैयार करने के लिए सरकार ने एक पैनल की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों जैसे भूजल, मिट्टी के स्वास्थ्य और भौगोलिक परिस्थितियों की संरक्षा है। कृषि नीति में फसल विविधीकरण और कृषि निर्यात पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हालांकि, अभी तक कृषि नीति की घोषणा नहीं हुई है, जिसके कारण किसानों का रुख अब धान की तरफ मुड़ रहा है।

किसानों के चुनाव:

नई आम आदमी पार्टी ने पंजाब में पिछले साल मार्च में चुनाव जीते हैं और इसके एजेंडे में किसानों के लिए बदलाव शामिल हैं। किसानों को फसली विभिन्नता की तरफ आकर्षित करने के लिए सरकार ने लाखों करोड़ रुपये खर्च किए हैं, लेकिन इन प्रयासों में सफलता नहीं मिली है। इसके परिणामस्वरूप किसान अब सफेद कपास को छोड़कर धान की खेती की तरफ ध्यान दे रहे हैं।

इस खबर के अनुसार, पंजाब में सफेद कपास के रकबे में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस साल कपास का रकबा 1.75 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है और किसानों की ओर से धान की खेती को ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। सफेद कपास के रकबे में गिरावट के कारण, किसानों को धान की खेती में रुचि बढ़ी है। सरकार ने फसली विभिन्नता को कम करने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली है। इसलिए, किसानों ने अपने उत्पादन को सुरक्षित बनाने के लिए धान की खेती पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है।

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