डबल पैदावार लेने के लिए जैविक खाद बनाने का सबसे सस्ता और टिकाऊ घरेलू उपयोग, आज ही बनाए जैविक खाद

डबल पैदावार लेने के लिए जैविक खाद बनाने का सबसे सस्ता और टिकाऊ घरेलू उपयोग, आज ही बनाए जैविक खाद
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डबल पैदावार लेने के लिए जैविक खाद बनाने का सबसे सस्ता और टिकाऊ घरेलू उपयोग, आज ही बनाए जैविक खाद

खेत खजाना : आधुनिक कृषि में किसान अपनी फसलों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नए-नए तकनीकी तरीकों का अध्ययन कर रहे हैं। इसी कड़ी में, 'प्रोम' नामक नई तकनीक आई है, जो जैविक खाद बनाने के लिए एक सस्ता और टिकाऊ तरीका प्रदान करती है।

फसल के उत्पादन में फॉस्फेट का महत्वपूर्ण योगदान होता है, और इसका अधिक उपयोग रासायनिक खादों के कारण जमीन की सख्ती और पानी सोखने की क्षमता में कमी कर सकता है। इसके अलावा, रासायनिक खादों का अधिक से अधिक उपयोग स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, 'प्रोम' नामक तकनीक विकसित की गई है, जिसमें कार्बनिक खाद के साथ-साथ रॉक फॉस्फेट भी होता है।

उच्च गुणवत्ता: प्रोम का उपयोग करके फसलों की गुणवत्ता में सुधार होती है, जिससे अनाज, दालें, सब्जी, और फलों का स्वाद बेहतर होता है।

स्वास्थ्य को नुकसान नहीं: प्रोम जैविक खाद होती है, जिससे स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

सरल तकनीक: प्रोम तैयार करने की तकनीक बहुत सरल है और हर किसान इसे आसानी से अपने घर पर तैयार कर सकता है।

आर्थिक बचत: किसान द्वारा धान, एसपी, और अन्य रासायनिक उर्वरकों की खरीद की जाने वाली राशि से कम पैसे में प्रोम तकनीक से जैविक खाद तैयार करने में बचत होती है।

मिट्टी की उर्वरकता: प्रोम मिट्टी को नरम बनाए रखता है और पोषक तत्वों की उपलब्धता को लंबे समय तक बनाए रखता है।

प्रोम बनाने की प्रक्रिया:

आवश्यक सामग्री: गाय या भैंस का 500 किलो गोबर, 500 किलो रॉक फॉस्फेट, सूखी पत्तियां, और वेस्ट डी-कंपोजर।

मिश्रण बनाएं: गोबर को पत्तियों के साथ मिलाएं, फिर ऊपर से रॉक फॉस्फेट छिड़काएं और वेस्ट डी-कंपोजर को भी छिड़काएं।

धाक्के के साथ ढककर रखें: मिश्रण को कम से कम 30-35 दिनों तक धाक्के के साथ ढककर रखें।

जैविक खाद तैयार: इस प्रक्रिया के बाद, जैविक खाद तैयार हो जाएगी और किसान इसे फसलों में उपयोग कर सकता है।

वेस्ट डी-कंपोजर:

वेस्ट डी-कंपोजर जैविक खेती के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है, जो किसानों को खुद खाद बनाने में मदद करता है। इसका उपयोग करने के बाद, किसान को रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है और यह बीमारियों से भी बचाव करता है।

इस रूप में, 'प्रोम' एक सुरक्षित, सस्ता, और उत्पादक तकनीक है जो किसानों को जैविक खाद बनाने में सहायक हो सकती है और कृषि क्षेत्र में स्वस्थ और उत्पादक फसलों की उत्पत्ति में सुधार कर सकती है।

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