मौसम की मार; आटा, दाल, चावल, 6 माह में 14% महंगे, और बढ़ेंगे दाम

खाद्यान्न की पैदावार घटने की आशंका

मौसम की मार; आटा, दाल, चावल, 6 माह में 14% महंगे, और बढ़ेंगे दाम
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आशंका है। पिछले 6 महीने में आटा, दाल, चावल व चीनी के दाम 14.55% तक बढ़ चुके हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) व कुछ सरकारी एजेंसियों के अनुमान के अनुसार अगले 3 महीनों में भी इन खाद्याला के दाम 14.55% महंगे रहने की आशंका है। खाद्यान के दामों में उछाल की वजह-कमजोर मानसून, किसानों का दूसरी फसलों पर शिफ्ट होने व ज्यादा गर्मी से उत्पादन प्रभावित होना है।

गेहूं के उत्पादन में कमी का बड़ा कारण पानी की कमी के चलते किसानों का चने पर शिफ्ट होना रहा। वहीं, चीनी का उत्पादन घटा है। गन्ने की फसल से 3.32 करोड़ टन इस बार एथेनॉल में शिफ्ट होने से चीनी के दाम बढ़ेंगे। बारिश के चलते तुअर दाल की फसल 15-20 दिन पीछे हो गई है। अगली फसल आने में अभी एक महीने लगेगा। तुअर दाल के खुदरा दाम 150 रुपए पार होने की आशंका है।

सरकारी भंडार में 1.38 करोड़ टन कम गेहूं

केंद्र ने दामों को नियंत्रित करने के लिए भंडारों से खुले बाजार में गेहूं बेचा। नतीजतन गेहूं का संरक्षित भंडार केवल 2.39 करोड़ टन ही बचा है जो पिछले साल 3.77 करोड़ टन था। भंडारों में गेहूं 36.60% तक कम हो चुका है।

रूस से आयात की संभावना: रूस से पहले चरण में 10 लाख टन गेहूं का आयात संभव है। पिछले दिनों आयात शुल्क 15% से 20% तक घटाया था।

6 महीने में इस तरह बढ़े दाम, तुअर दाल में सबसे ज्यादा

भास्कर Analysis

गेहूं का उत्पादन 41 लाख टन कम होने की आशंका

• गन्नाः 2023-24 में उत्पादन

44.5 करोड़ टन का अनुमान। 2022-23 में 49 करोड़ टन था।

• चावलः उत्पादन 10.63 करोड़

टन रहने का अनुमान है। यह पिछले साल से 3.8% कम है।

• दालः उत्पादन 6.6% घटकर 71 करोड़ टन रहने का अनुमान।

गेहूं: 2023-24 में उत्पादन

10.64 करोड़ टन रहने का अनुमान, पिछले साल 11.०५ करोड़ टन था। 41 लाख टन कम। सीएमआईई के अनुसार 2023-24 में गेहूं का रकबा 3.04 करोड़ हेक्टेयर रहेगा, गत साल 3.14 करोड़ हेक्टेयर था।

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