घर में बड़े कबाड़ से किसान ने बनाया बिना पेट्रोल डीजल के चलने वाला ट्रैक्टर, काम देख किसान हुए इंप्रेस

यह ट्रैक्टर काम करने में बड़े ट्रैक्टरों से भी अधिक सुविधाजनक है। इसके उपयोग से किसानों का खर्च भी कम होता है और वे अपने खेतों के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाने में सक्षम होते हैं।

घर में बड़े कबाड़ से किसान ने बनाया बिना पेट्रोल डीजल के चलने वाला ट्रैक्टर, काम देख किसान हुए इंप्रेस
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घर में बड़े कबाड़ से किसान ने बनाया बिना पेट्रोल डीजल के चलने वाला ट्रैक्टर, काम देख किसान हुए इंप्रेस

आधुनिक विज्ञान और तकनीकी युग में, किसानों के लिए एक नए और सुरक्षित रास्ते तकनीकी उन्नति बनी हुई है। इसी रुप में, एक शख्स ने अपने जुगाड़ से बना डाला है पैडल से चलने वाला ट्रैक्टर, जो बिना डीज़ल के पूरे खेत को जोत सकता है। इस खबर ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दी है और लोग इस नए आविष्कार के दीवाने हो गए हैं।

रचना और विशेषताएँ

संजीत नामक व्यक्ति ने घर में पड़े कबाड़ से सिर्फ 30 दिनों में पैडल वाला ट्रैक्टर तैयार किया। इस ट्रैक्टर में 5000 mAH की चार्जेबल बैटरी लगाई गई है, जो ट्रैक्टर में लगे एलईडी बल्ब जलाने का काम करती हैं। ट्रैक्टर को चलाने के दौरान मानव ऊर्जा को डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित कर बैटरी को चार्ज किया जाता है, जिससे यह डीज़ल और पेट्रोल की आवश्यकता से मुक्त होता है।

इस ट्रैक्टर की रफ्तार 8 से 10 किलोमीटर प्रति घंटा है और इससे आसानी से 600 किलोग्राम तक का भार ढो सकता है। इसके अलावा, यह ट्रैक्टर काम करने में बड़े ट्रैक्टरों से भी अधिक सुविधाजनक है। इसके उपयोग से किसानों का खर्च भी कम होता है और वे अपने खेतों के साथ-साथ पर्यावरण को भी बचाने में सक्षम होते हैं।

वैशिष्ट्यिक बेनेफिट्स

इस पैडल वाले ट्रैक्टर के आविष्कार से किसानों को कई बेनेफिट्स हुए हैं। कुछ मुख्य वैशिष्ट्यिक लाभ निम्नलिखित हैं:

पर्यावरण सुरक्षा: इस ट्रैक्टर के चलने से न केवल ध्वनि प्रदूषण का स्तर कम होता है, बल्कि न कोई कार्बन इमिशन्स भी होते हैं, जो वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं।

खर्च कमी: इस ट्रैक्टर का चलाना काफी सस्ता है, क्योंकि इसमें डीज़ल या पेट्रोल की आवश्यकता नहीं होती है। इससे किसान अपने खेती से आयी उपज का खर्चा भी कम कर सकते हैं।

अधिक सुविधा: इस ट्रैक्टर का छोटा आकार और आसानी से समुद्री क्षेत्रों तक पहुंचने की क्षमता किसानों के लिए एक बड़ा लाभ है।

कम मेहनत: पैडल वाले ट्रैक्टर के साथ काम करने में किसानों को कम मेहनत करनी पड़ती है, क्योंकि इसे चलाने के लिए ज्यादा प्रयास की जरूरत नहीं होती है।

उद्यमिता के राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान

इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में संजीत के पैडल वाले ट्रैक्टर को मिला अवार्ड और इसे इंटरनेशनल मंच पर भी प्रदर्शित किया गया। इस अविष्कार ने उन्हें विश्वस्तरीय पहचान दिलाई है और लोग भारतीय तकनीकी उद्यमिता की प्रशंसा कर रहे हैं।

इस पैडल वाले ट्रैक्टर का आविष्कार एक बड़ी क्रांति के रूप में साबित हो सकता है, जो किसानों के जीवन को आसान और उन्नत बना सकती है। इसके फायदों को देखते हुए, लोग इसे खरीदने के लिए उत्साहित हो रहे हैं और यह भारतीय कृषि को एक नई दिशा देने के लिए एक सफल प्रयास साबित हो सकता है।

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