सरकार ने इन ज़िलों को किया सुखाग्रस्त घोषित, जाने किसानों को योगी सरकार की तरफ़ से क्या मिलेगी मदद

सरकार ने इन ज़िलों को किया सुखाग्रस्त घोषित, जाने किसानों को योगी सरकार की तरफ़ से क्या मिलेगी मदद
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सरकार ने इन ज़िलों को किया सुखाग्रस्त घोषित, जाने किसानों को योगी सरकार की तरफ़ से क्या मिलेगी मदद

खेत खजाना: उत्तर प्रदेश, भारत के एक महत्वपूर्ण राज्य में सूखे की चिंता तेजी से बढ़ रही है। वर्षा की कमी के कारण खेती में बाधाएं आ सकती हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग के दीर्घकालिक पूर्वानुमान के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा की कमी की उम्मीद है, जो कृषि और सिंचाई महकमों ने देखते हुए तेजी से तैयारी की है। इस समय, किसानों को वर्षा से बचाने और खेती को सफल बनाने के लिए कुछ सुझाव बहुत महत्वपूर्ण हैं।

खेती में तैयारी के लिए सलाह

भूमि तैयारी: खेतों की तैयारी में ध्यान देना आवश्यक है। भूमि को अच्छे से पैक करें और धान के लिए उपयुक्त फसली खेती करें। सूखे सहनशील और अधिक विकसित किस्मों का चयन करें।

पर्याप्त नमी की आवश्यकता: खेतों में पर्याप्त नमी का होना खेती के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अनावश्यक बारिश से नमी की कमी होने पर तुरंत जल संचयन के उपाय अपनाएं और नमी को संरक्षित रखें।

धान की रोपाई: जून माह में धान की रोपाई को पूरा करने की कोशिश करें। रोपाई के बाद, धान के नष्ट हो गए पौधों के स्थान पर तुरंत नए पौधे लगाएं।

सूखा सहनशील किस्मों का चयन: अगर आपके क्षेत्र में सूखे सहनशील किस्मों की खेती की जा सकती है, तो उन्हें बोएं। इन किस्मों को नमी कमी के दौरान भी अच्छा उत्पादन करते हैं।

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उत्तर प्रदेश के वर्तमान मौसम स्थिति

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 41 जिलों में जून से अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। 15 जिलों में 60-80 प्रतिशत बारिश हुई है, जबकि 17 जिलों में 40-60 प्रतिशत और 9 जिलों में 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है।

जल्द ही आ सकती है बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, 27 जुलाई से 2 अगस्त तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में वर्षा बहुत कम होने की उम्मीद है। इसके बाद, राज्य भर में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। एक-दो जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है। 2 अगस्त से 9 अगस्त तक भी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

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जिलों के अनुसार बारिश के आंकड़े

जुलाई में पश्चिमी क्षेत्र में सबसे अधिक बारिश हुई है, जो 206.3 मिलीमीटर की औसत वर्षा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 239.8 मिमी की औसत वर्षा के मुकाबले 191.8 मिमी, बुंदेलखंड में 247.1 मिमी के मुकाबले 149.4 मिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 281.4 मिमी की औसत वर्षा के मुकाबले 161.6 मिमी बारिश हुई है।

खरीफ फसलों की तैयारी और खेती में सुरक्षित रखने के लिए उपरोक्त सुझावों का पालन करें। उम्मीद है कि आगामी दिनों में बारिश आएगी और किसानों को अधिक से अधिक फसल उत्पादन का मौका मिलेगा। खेती के सफल होने से उत्तर प्रदेश की कृषि उद्योग को भी विकास करने में सहायता मिलेगी।

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