गेंहू की बढ़ रही कीमतों को लेकर सरकार ने 15 साल बाद लिया बड़ा फैसला, अब थोक विक्रेता 3 हजार टन से अधिक नही रख सकते गेंहू

गेंहू की बढ़ रही कीमतों को लेकर सरकार ने 15 साल बाद लिया बड़ा फैसला, अब थोक विक्रेता 3 हजार टन से अधिक नही रख सकते गेंहू
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गेंहू की बढ़ रही कीमतों को लेकर सरकार ने 15 साल बाद लिया बड़ा फैसला, अब थोक विक्रेता 3 हजार टन से अधिक नही रख सकते गेंहू

खेत खजाना: गेहूं की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर सरकार ने 15 साल बाद बड़ा कदम उठाया हैं। सरकार ने गेंहू की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की है. इस इजाफे पर लगाम लगाने के लिए अब केंद्र सरकार ने दालों के बाद गेहूं के स्टॉक पर भी लिमिट लगा दी है. सरकार ने गेहूं के स्टॉक की मात्रा की सीमा तय कर दी है. स्टॉक की सीमा 31 मार्च, 2024 तक लागू रहेगी. अब व्यापारी और थोक विक्रेता 3000 टन से अधिक गेहूं नहीं रख सकते हैं. वहीं, खुदरा विक्रेता सिर्फ 10 टन तक गेहूं स्टॉक कर सकते हैं.

28 जून से गेहूं की होगी नीलामी

केंद्र सरकार ने पिछले 15 साल में पहली बार गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मार्च, 2024 तक तत्काल प्रभाव से गेहूं पर भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) लागू कर दिया है. साथ ही सरकार ने खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत पहले चरण में केंद्रीय पूल से थोक उपभोक्ताओं और व्यापारियों को 15 लाख टन गेहूं बेचने का भी फैसला किया है. इसके लिए 28 जून से ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के जरिए गेहूं की नीलामी भी होगी होगी. इस नीलामी के लिए पंजीकरण एफसीआई के ई-नीलामी प्लेटफॉर्म पर खुला है. फिलहाल गेहूं आयात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. गेहूं के निर्यात पर अभी भी प्रतिबंध जारी रहेगा.

गेहूं के अलावा चावल की भी की जाएगी नीलामी

कीमतों को कम करने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल को उतारने का भी फैसला किया गया है. चावल के लिए पहले चरण की ई-नीलामी की मात्रा शीघ्र ही तय की जाएगी. ओएमएसएस के तहत गेहूं और चावल के ऑफलोडिंग के साथ-साथ गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू करना सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करने के लिए किए गए लगातार प्रयासों का हिस्सा है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं और चावल के स्टॉक की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है.

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