बाढ़ से हुए नुकसान की पूरी भरपाई करेगी सरकार, बाढ़ से निपटने के लिए सरकार ने उठाए सभी आवश्यक कदम: दुष्यंत
विधानसभा सत्र : डप्टी सीएम ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का दिया जवाब
चंडीगढ। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ की आपदा में जिस भी नागरिक की जान-माल, प्रॉपर्टी, खेत, व्यवसाय का जो भी नुकसान हुआ है, एनडीआरएफ की गाइडलाइन्स के अनुसार उनकी पूरी क्षतिपूर्ति की जाएगी। डिप्टी सीएम शुक्रवार को विधानसभा मानसून सत्र में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी के प्रति हमेशा सचेत रहती है और इसलिए उनके सामने आने वाले सभी
जोखिमों को कम करने के लिए अग्रिम कदम उठाती है। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा या कोई अन्य आपदा आती है, तो सरकार नीति के अनुसार उन्हें मुआवजा देती है। उन्होंने बताया कि आसपास के राज्यों और हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में लगातार तीन दिनों 8, 9 और 10 जुलाई को अत्यधिक भारी वर्षा हुई। उन्होंने बताया कि 8 जुलाई से 12 जुलाई के दौरान, राज्य की संचयी वर्षा 28.4 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 110 मिमी हुई थी, जिसका अर्थ है 287 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है।
जिला यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, पंचकुला और अंबाला में क्रमशः 842%, 814% 699% और 514% अधिक वर्षा हुई। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा के इतिहास में पहली बार सरकार ने राज्य के 12 जिलों के 1469 गांवों और 4 एमसी एरिया को बाढ़ प्रभावित घोषित किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने बाढ़ को रोकने और उसके प्रभाव को कम करने के लिए तुरंत सभी आवश्यक कदम और सावधानियां बरतीं। बाढ़ के दौरान 7,868 लोगों को सुरक्षित निकाला गया, 60 राहत शिविर लगाए गए और 2,031 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में नागरिकों के लिए भोजन और अन्य नागरिक आपूर्ति की व्यवस्था की गई।