जिस घास को आप समझ रहे हैं बेकार, उसकी जड़, तना और पत्तियां से होगी अच्छी खासी कमाई, प्रति हेक्टेयर से 400 क्विंटल उत्पादन कर कमाए 3 लाख रूपये

मुंजा घास की खेती से पौधों की एक बार लगाई जाने के बाद 30-35 साल तक कमाई हो सकती है।

जिस घास को आप समझ रहे हैं बेकार, उसकी जड़, तना और  पत्तियां से होगी अच्छी खासी कमाई, प्रति हेक्टेयर से 400 क्विंटल उत्पादन कर कमाए 3 लाख रूपये
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जिस घास को आप समझ रहे हैं बेकार, उसकी जड़, तना और पत्तियां से होगी अच्छी खासी कमाई, प्रति हेक्टेयर से 400 क्विंटल उत्पादन कर कमाए 3 लाख रूपये

भारतीय कृषि उद्यम का सहारा मुंजा घास की खेती के रूप में एक नई उपायकर्ता पेश कर रही है। सूखाग्रस्त इलाकों में मुंजा घास की खेती के फायदे वैज्ञानिकों और किसानों द्वारा प्रमोट किए जा रहे हैं। इस खेती के साथी बनने के लिए आपको इसके लाभ, खेती का तरीका, सिंचाई और कटाई के बारे में जानकारी होनी चाहिए।





मुंजा घास की खेती के लाभ

दीर्घकालिक उपज: मुंजा घास की खेती से पौधों की एक बार लगाई जाने के बाद 30-35 साल तक कमाई हो सकती है। यह अन्य फसलों की तुलना में दीर्घकालिक निवेश की आवश्यकता नहीं करती है।

उच्च उपज: प्रति हेक्टेयर 350 से 400 क्विंटल उपज दर्ज की जा सकती है, जिससे किसान 2.5 से 3 लाख रुपये की आमदनी कमा सकते हैं।

आर्थिक स्थिरता: मुंजा की उपज विभिन्न उपयोगों के लिए होती है, जैसे कि पौधों, पत्तियों, जड़ और तनों का उपयोग। इससे खेतीकर्ता को आर्थिक स्थिरता मिलती है।

मुंजा घास की खेती का तरीका

बीज से पौधों की खेती: जुलाई में पुराने पौधों से नए पौधे उगने पर, कोपलों वाले पौधों को उखाड़कर हल्की मिट्टी वाले क्षेत्र में रोपना शुरू करें।

पौधों की रोपाई: पौधे 2 महीने में पूरी तरह से परिपक्व हो जाते हैं, उन्हें एक फ़ीट गहरा, एक फ़ीट लम्बा और एक फ़ीट चौड़ा गड्ढा खोदकर रोपें।

सिंचाई: सूखे इलाकों में पौधों को पूरे सत्र के दौरान नियमित रूप से पानी दें, जिससे पौधे हरे और स्वस्थ रहें।

सिंचाई की व्यवस्था

मुंजा के पौधों की जड़ों को ज़्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि अधिक नमी जड़ों के विकास को अवरुद्ध कर सकती है।

सूखाग्रस्त इलाकों में मुंजा की खेती सुनिश्चित रूप से सिंचाई की व्यवस्था के बावजूद भी उपयोगी हो सकती है।

कटाई और उपाय

मुंजा की पहली कटाई क़रीब 12 महीने बाद की जाती है, जब पौधों से 30 सेंटीमीटर ऊपर से काटा जाता है।

प्रति हेक्टेयर 15-20 टन देसी खाद का उपयोग करके पौधों के सही विकास का सामर्थ्य बनाए रख सकते हैं।

मुंजा घास की खेती एक नया और उपयोगी खेती विकल्प हो सकता है, खासकर सूखे इलाकों में। यह खेती किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान कर सकती है और सुरक्षित उपज देने में मदद कर सकती है।

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