धान की बुवाई के लिए पानी का झंझट खत्म, इस ख़ास तकनीक से कम समय में फसल होगी तैयार, जानिये पूरी विधि

धान की बुवाई के लिए पानी का झंझट खत्म, इस ख़ास तकनीक से कम समय में फसल होगी तैयार, जानिये पूरी विधि
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Paddy Farming : भारत में धान की खपत और खेती दोनों ही बड़े पैमाने पर की जाती है, और जब भी धान की खेती की बात होती है, तो पंजाब का नाम सबसे ऊपर आता है। पंजाब में धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिससे इन राज्यों में पानी की समस्या बढ़ जाती है, खासकर जब धान की बुआई का समय नजदीक आता है।

इन समस्याओं को कम करने के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें से एक है DSR तकनीक। इसका उपयोग करने से किसानों को धान की बुआई सिंचाई के बाद ही करनी चाहिए, सूखे खेतों में नहीं।

DSR तकनीक, जिसे 'प्रसारण बीज तकनीक' भी कहा जाता है, धान बोने की एक विशेष विधि है जो पानी की बचत में मदद करती है। इस विधि में बीजों को सीधे खेतों में बोया जाता है और यह सिंचाई की आवश्यकता कम करता है।

डीएसआर तकनीक से न केवल पानी, श्रम, ऊर्जा, और समय की बचत होती है, बल्कि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी कम होता है और भविष्य की फसलों की वृद्धि में सुधार होता है। इस तकनीक को लागू करने से पहले, खेत को लेजर से समतल किया जाता है।

यह एक सुस्त, सुरक्षित, और पर्यावरण-सहमत विकल्प प्रदान करता है जो कृषकों को उचित मात्रा में फल और पानी की सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है।

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