गेहूं की फसल में तना मक्खी, तना छेदक और दीमक जैसी खतरनाक बीमारियों का बढ़ रहा है प्रकोप, तो जल्दी से करें ये उपाय, 99% होगा फायदा
गेहूँ की फसल का सही से प्रबंधन करना विशेषकर तना मक्खी, तना छेदक, मकड़ी, मोयला, और दीमक जैसी कीटों के प्रकोपों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
गेहूं की फसल में तना मक्खी, तना छेदक और दीमक जैसी खतरनाक बीमारियों का बढ़ रहा है प्रकोप, तो जल्दी से करें ये उपाय, 99% होगा फायदा
गेहूँ की फसल का सही से प्रबंधन करना विशेषकर तना मक्खी, तना छेदक, मकड़ी, मोयला, और दीमक जैसी कीटों के प्रकोपों को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रमुख कीट और उनका प्रबंधन
तना मक्खी (सूट फ्लाई)
उपाय: क्लोरोपाइरीफाॅस 20 ईसी की 1 लीटर या इमीडाक्लपारीड 17.5 ईसी की 60 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर मात्रा को 80-100 किग्रा मिट्टी में मिलाकर खेत में बिखेरें।
तना छेदक (स्टेम बोरर)
उपाय: क्यूनाॅलफाॅस 25 ईसी का 250 ग्राम सक्रिय तत्व का छिड़काव करें।
मकड़ी और मोयला
उपाय: क्यूनोलफॅास, ट्राइजोफ़ोस, या क्लोरोपाइरीफ़ोस जैसे उपयुक्त सक्रिय तत्वों को फसल पर छिड़काव करें।
दीमक
उपाय: मोनोक्रोटोफ़ोस या इमीडाक्लोरोपरिड का सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर का छिड़काव करें।
फसल प्रबंधन के अन्य सुझाव
समय पर छिड़काव
सुरक्षित रहने के लिए कीटनाशकों को फसल पर समय पर छिड़काव करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पुनरावृत्ति रोगनाशकों का उपयोग
एक सही रोगनाशक का चयन करें जो दीमक को नष्ट कर सके।
अनुकूल आवास
गेहूँ की फसल के आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने से कीटों के प्रबंधन में मदद होती है। गेहूँ की फसल में कीट प्रबंधन के लिए उपयुक्त कीटनाशकों का सही से और समय पर छिड़काव करना लाभकारी हो सकता है।