केले की बढ़ती डिमांड ने इस किसान को बनाया लखपति, सिर्फ चार बीघा बाग से एक सीजन में कमाते हैं 8 लाख रूपये
रामचंद्र ने बताया कि उन्हें केले की खेती करने के लिए किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है, हालांकि उन्होंने सरकारी कार्यालयों में प्रयास किया था।
केले की बढ़ती डिमांड ने इस किसान को बनाया लखपति, सिर्फ चार बीघा बाग से एक सीजन में कमाते हैं 8 लाख रूपये
भारत में कृषि एक बहुत जरूरी व्यवसाय है, और खेती किसानों के लिए एक मुख्य आजीविका है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किसान से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने केले की खेती से अपनी पूरी जिंदगी बदल दी
रामचंद्र दास
रामचंद्र दास, जो बिहार के बरियारपुर पक्षी गांव में रहते हैं, एक सामान्य दुकानदार थे जो ठेला पर केला बेचने का काम किया करते थे। उनका कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता गया, लेकिन एक दिन उन्होंने खुद से केले की खेती करने का निर्णय लिया।
रामचंद्र ने अपने गांव के जमींदार से एक छोटे से खेत की लीज पर केले लगाने का फैसला किया, और इसके लिए उन्होंने लगभग 1 लाख रुपए जमा किया। वे भुसावल प्रजाति के केले की खेती कर रहे हैं और उत्पादित केले को पकाने के लिए एसी (एयर कंडीशनिंग) का प्रयोग करते हैं।
बिहार में केला खेती का महत्व
बिहार को केला उत्पादन के लिए प्रमुख राज्य माना जाता है, और इसका कारण है कि बिहार सरकार ने केले की खेती पर किसानों को 75% सब्सिडी प्रदान की है। केले की खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है, और इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ रही है बल्कि यह उन्हें वैकल्पिक खेती के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
सरकारी सहायता की कमी और सफलता
रामचंद्र ने बताया कि उन्हें केले की खेती करने के लिए किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है, हालांकि उन्होंने सरकारी कार्यालयों में प्रयास किया था। अगर सरकारी सहायता मिलती, तो वह और भी अधिक आमदनी कमा सकते थे।
आमदनी
केले की बागवानी करते समय, रामचंद्र ने अपनी आमदनी को बढ़ाया है, और वे अब चार बीघा खेत में केले की खेती कर आठ लाख से अधिक की आमदनी कमा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि 5 साल पहले ठेला पर केला बेचने वाले दुकानदार को केले की डिमांड ने प्रगतिशील किसान बना दिया.