मूंग की फसल में फली छंदक कीट रोग का बढ़ गया है प्रकोप, तो गोमूत्र और नीम की पत्तियों से बने जैविक कीटनाशक का करे छिड़काव, देखिए बनाने की विधि

नीम की पत्तियों और निम्बोली का घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करने से कीटों का प्रकोप सात दिनों में खत्म हो जाता है।

मूंग की फसल में फली छंदक कीट रोग का बढ़ गया है प्रकोप, तो गोमूत्र और नीम की पत्तियों से बने जैविक कीटनाशक का करे छिड़काव, देखिए बनाने की विधि
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मूंग की फसल में फली छंदक कीट रोग का बढ़ गया है प्रकोप, तो गोमूत्र और नीम की पत्तियों से बने जैविक कीटनाशक का करे छिड़काव, देखिए बनाने की विधि


कीटनाशक दवाओं का प्रयोग खेती में कीटों और कीड़ों से लड़ने के लिए आमतौर पर किया जाता है, लेकिन इनमें उपयोग किए जाने वाले रसायनों के कारण पृथ्वी के पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए खेती में देशी तरीके से पौधों के संरक्षण के लिए नीम का उपयोग किया जाता है। नीम की पत्तियों और निम्बोली का घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करने से कीटों का प्रकोप सात दिनों में खत्म हो जाता है।

नीम से कीटनाशक बनाने की विधि

नीम से कीटनाशक बनाने के लिए आपको निम्बोली की हरी पत्तियों या सूखी पत्तियों को बारीक पीसकर तैयार करना होगा। नीचे दी गई विधि का अनुसरण करके आप भी घर पर देशी नीम की कीटनाशक बना सकते हैं।

सामग्री:

10 लीटर पानी

5 किलो नीम की हरी पत्तियां या सूखी पत्तियां

10 लीटर छाछ

1 किलो पीसा हुआ लहसुन

1 से 2 किलो गौ मूत्र

तैयारी की विधि:

नीम की हरी पत्तियों या सूखी पत्तियों को पीसकर एक बड़े पतीले में डालें।

उसमें 10 लीटर पानी डालकर अच्छी तरह मिला दें।

इसमें 10 लीटर छाछ, 1 किलो पीसा हुआ लहसुन, और 1 से 2 किलो गौ मूत्र को भी मिला दें।

इस मिश्रण को 5 दिनों तक धूप में रखकर भीगो दें।

हर दिन मिश्रण को 2-3 बार अच्छी तरह लकड़ी से हिलाएं।

जब नीम का रस दूधिया हो जाए, तो इसे कपड़े से अच्छी तरह छान लें।

तैयार नीम कीटनाशक को घोल में 200 मि.ली. साबुन या 80 मि.ली. टीपोल मिलाकर अच्छी तरह मिला लें।

फिर इसे फसलों पर छिड़काव करें।

नीम कीटनाशक के फायदे

नीम कीटनाशक का उपयोग करने से आपको निम्बोली कीट रोग से निपटने के कई फायदे होते हैं। नीम में मौजूद निम्बिदिन और आजादिरेक्टिन नामक कैमिकल की वजह से कीटाणुओं और कीड़ों के विकास को रोका जाता है। नीम कीटनाशक के इस्तेमाल से सभी कीट और सुंटी की प्रथम द्वितीय अवस्था खत्म हो जाती है, जिससे आपकी फसलें सुरक्षित रहती हैं। इसके अलावा, यह पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता है, और आपके खेतों को स्वच्छ और प्राकृतिक रखता है।

नोट: नीम कीटनाशक का उपयोग करने से पहले प्रयोग करें और प्रभाव का अध्ययन करें। अगर आपको इसके उपयोग से किसी भी प्रकार की तकलीफ होती है, तो तुरंत उपचार के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें।

देशी नीम कीटनाशक से सात दिनों में फसलों के कीटों से छुटकारा पाना संभव है। नीम की हरी पत्तियों या सूखी पत्तियों को पानी में भिगोकर, लहसुन और गौ मूत्र के साथ मिलाकर इसका घोल बनाएं और फसलों पर छिड़काव करें। यह प्राकृतिक तरीका कीटनाशक के रूप में बेहद प्रभावी है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता। इससे आपकी फसलें सुरक्षित रहेंगी और आपको बेहतर उत्पादन मिलेगा। इसका उपयोग करके आप देशी तरीके से कीटों से लड़ सकते हैं और अपने खेतों को स्वस्थ बना सकते हैं।

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