अधिकतर किसानों का सवाल! धान की खेती में कौन सी खाद और स्प्रे का करें प्रयोग?

अधिकतर किसानों का सवाल! धान की खेती में कौन सी खाद और स्प्रे का करें प्रयोग?
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अधिकतर किसानों का सवाल! धान की खेती में कौन सी खाद और स्प्रे का करें प्रयोग?

खेत खजाना : नई दिल्ली, धान की खेती में सही खाद डालना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसल की उपज और गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करता है। किसानों के लिए यह अहम सवाल होता है कि धान की खेती में कौन-सी खाद और कब डालनी चाहिए। इस आर्टिकल में, हम आपको सही गाइडेंस प्रदान करेंगे, जिससे आप अपनी धान की फसल को बेहतर बना सकें।

धान की फसल को बेहतर बनाने के लिए सही खाद

धान की फसल को सही समय पर सही खाद देना फसल की उपज को बढ़ा सकता है। यहां हम आपको बताएंगे कि धान की खेती में कब और कैसे खाद डालनी चाहिए:

खेत जुताने का समय

खेत की आखिरी जुताई के समय, एक एकड़ में 40 किलोग्राम नत्रजन, 25 किलोग्राम फास्फोरस, और 25 किलोग्राम पोटाश डालना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि धान को पूरे समय उचित पोषण मिलता रहे।

धान बोने के एक सप्ताह के बाद

धान रोपाई के एक सप्ताह बाद, प्रति एकड़ 50 किलोग्राम डीपी (डीएपी) खाद डालना चाहिए। खेत में खाद घुलने के लिए पर्याप्त पानी होना चाहिए, जिससे धान की जड़ों को ऑक्सीजन मिले और वे मजबूत बनें।

धान बोने के 20 से 25 दिनों के बाद

रोपाई के 20 से 25 दिनों बाद, धान के कल्ले निकलने लगते हैं, और इस समय धान को अधिक पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। आपको 10 किलोग्राम जिंक और 40 किलोग्राम यूरिया को मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। यह धान के कल्लों को जल्दी निकलने में मदद करता है और तनक छेदक रोग से बचाव करता है।

धान बाली निकलने का समय

गर्भवस्था में धान को सबसे अधिक पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, इसलिए जब धान में एक या दो बालिया निकलने लगते हैं, तब 30 किलोग्राम पोटाश और 30 किलोग्राम यूरिया को मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इससे धान को पर्याप्त पोषण मिलता है, जिससे धान की बालियां जल्दी निकलती हैं और बड़े-बड़े होते हैं, साथ ही माहू कीड़े से बचता है।

धान की खेती में अच्छे परिणाम के लिए उपाय

खेत तैयारी: धान की खेती के लिए अच्छे से तैयारी करें, जिसमें खेत की लायी और उपयुक्त जल संसाधन शामिल हों।

उचित जल संचारण: धान की फसल को नियमित और सही मात्रा में पानी दें, ताकि पौधे उचित रूप से विकसित हो सकें।

कीटनाशक और उर्वरक: धान की खेती में उचित समय पर कीटनाशक और उर्वरक का प्रयोग करें, ताकि कीटों और बीमारियों से बच सकें।

पूरी देखभाल: फसल की पूरी देखभाल करें, जैसे कि उचित प्रुनिंग, बालियां निकालना, आदि।

समय पर प्रबंधन: ऊपर बताए गए समय सारणी का पालन करके खेती के हर चरण को समय पर पूरा करें।

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