टिशु विधि ने किया कमाल! इस किसान ने सिर्फ 6 महीने में अमरूद के पौधे से लिया फलों का उत्पादन, प्रति एकड़ कमाते हैं 4 लाख रूपये

यह तीन से चार दिनों में भी खराब नहीं होता, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है।

टिशु विधि ने किया कमाल! इस किसान ने सिर्फ 6 महीने में अमरूद के पौधे से लिया फलों का उत्पादन, प्रति एकड़ कमाते हैं 4 लाख रूपये
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टिशु विधि ने किया कमाल! इस किसान ने सिर्फ 6 महीने में अमरूद के पौधे से लिया फलों का उत्पादन, प्रति एकड़ कमाते हैं 4 लाख रूपये

पलामू के किसानों नकदी मेहनत और उत्तम तकनीक से ताइवान के पौधों से सिर्फ 6 महीने में फलों का उत्पादन करके दिखाया है ताइवान के पिंक ग्वाभा प्रजाति का अमरूद यहां के खेतों में एक आकर्षण का केंद्र बन गया है। ताइवान के अमरूद से किसानों को प्रति एकड़ तीन से चार लाख रुपए की आमदनी हो रही है, जो कि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार कर रही है।

उच्च गुणवत्ता वाला अमरूद

बिरसा कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर प्रमोद कुमार के अनुसार, ताइवान के अमरूद का गुणवत्ता बहुत उच्च है। यह तीन से चार दिनों में भी खराब नहीं होता, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा हो रहा है। इसकी खेती से किसान प्रति एकड़ तीन से चार लाख रुपए की आमदनी आसानी से हो सकती है।

ताइवान के अमरूद की बाजार में बढ़ती हुई मांग

ताइवान के अमरूद की मांग बंगाल, बिहार, यूपी, और कई अन्य राज्यों में बढ़ रही है। इसका बाजार में जाना हुआ एक बार वहां इसकी खपत बढ़ा रहा है, जिससे किसानों को और भी बड़ा मुनाफा हो रहा है।

जलवायु और मिट्टी

यह अमरूद तीन महीने में फल देने लगता है और वर्ष में तीन से चार बार फल देता है, जिससे किसानों को साल भर मुनाफा हो रहा है। इसमें जलवायु और मिट्टी के आदर्श संबंध होने के कारण इसकी खेती में भी आसानी हो रही है।

भविष्य की दिशा

जोनल रिसर्च सेंटर में टिशु विधि से इसकी खेती की जा रही है और किसानों को इसके लाभों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। ताइवान के अमरूद से होने वाले लाभों की दिशा में हमारे किसानों का समर्थन और बढ़ावा देने के लिए सरकारी पहलुओं की भी जरुरत है।

इस परियोजना से दृढ़ता मिलने के साथ ही, पलामू के किसानों का आत्मनिर्भरता में एक नया कदम है। ताइवान के अमरूद का बेजोड़ योगदान किसानों को स्थाई सफलता की दिशा में एक मजबूत कदम बना रहा है।

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