Organic Fertilizers: जल्द तैयार होती है ये तीन जैविक खाद, कम खर्चे में हो जाएगा काम, जानिये पूरी खबर

Organic Fertilizers: जल्द तैयार होती है ये तीन जैविक खाद, कम खर्चे में हो जाएगा काम, जानिये पूरी खबर
X

Organic Fertilizers: आजकल, भारत में जैविक खेती को लेकर बहुत ही चर्चा हो रही है। कई किसान इस प्रकार की खेती का अनुभव कर रहे हैं और उन्हें इसमें सफलता मिल रही है। जैविक खेती में पूरी तरह से प्राकृतिक तत्वों का उपयोग होता है, जिससे न केवल उत्पादन में वृद्धि हो रही है, बल्कि यह किसानों के लिए सामर्थ्यपूर्ण भी हो रही है। इसमें लागत कम होती है और उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे किसानों को अधिक लाभ होता है। सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है।

क्या होता है जैविक खेती से फायदा

वास्तविकता में, खेती में रसायनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण, मिट्टी अपनी उपजाऊ शक्ति खो रही है। इससे साल दर साल फसलों का उत्पादन कम हो रहा है और इस समस्या को देखते हुए किसान जैविक खेती की ओर मुड़ रहे हैं। जैविक खाद का प्रयोग करके इस स्थिति को सुधारा जा सकता है, और इसमें वर्मी कंपोस्ट, कंपोस्ट खाद, और हरी खाद जैसे तीनों प्रकार की खादों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है।

वर्मी कंपोस्ट खाद

वर्मी कंपोस्ट एक उत्कृष्ट जैव उर्वरक है, जिसे केंचुआ खाद भी कहा जाता है। यह खाद केंचुआ और गोबर की सहायता से बनाई जाती है और इसकी तैयारी में लगभग डेढ़ महीना लगता है। इस खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश का समावेश होता है, जो फसलों के विकास में सहायक होता है और मिट्टी को बेकार नहीं होने देता है। यह खाद वातावरण को प्रदूषित नहीं होने देती, जिससे एक स्वस्थ पर्यावरण की दिशा में भी सहारा मिलता है।

कंपोस्ट खाद

सामान्यत: कंपोस्ट खाद को कूड़ा खाद भी कहा जाता है, क्योंकि इसे घर के कूड़े, पौधों के अवशेष, कूड़ा-कचरा, पशुओं का मलमूत्र, और खेतों का बर्बाद हुआ वन्यजीवादी सामग्री इत्यादि से बनाया जाता है। कंपोस्ट खाद की खासियत यह है कि यह बिना गंध के होती है, जिससे इसका प्रयोग करना अधिक सुखद होता है।

हरी खाद

वह भाग जो पौधों का सांसारिक योगदान बिना सड़े हुए मिट्टी में मिलाकर खाद के रूप में प्रयुक्त होता है, हरी खाद कहलाता है। यह जैविक खेती का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसका उद्देश्य नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थायी रूप से जोड़ना और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ यानी सॉइल ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा बढ़ाना है, ताकि कम रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जा सके।

Tags:
Next Story
Share it