यह अनोखे टमाटर बदल देते है किसानों की किस्मत, एक फसल में पैसा ही पैसा, कई किसान बन गए करोड़पति
यह अनोखे टमाटर बदल देते है किसानों की किस्मत, एक फसल में पैसा ही पैसा, कई किसान बन गए करोड़पति
खेत खजाना : बुंदेलखंड के दमोह जिले के छोटे किसानों ने अपने खेतों को टमाटर से सजाया है और इस अनोखे तकनीक के कारण हो रहा है दोगुना मुनाफा। इस खास खेती में जुटे किसानों में महिला किसान राजरानी बाई पटेल ने करीब 2 लाख रुपये की लागत से स्ट्रेचिंग तकनीक से टमाटर की खेती की है।
राजरानी बाई पटेल के बेटे छोटू का मानना है कि लघु किसानों को घरों में पशु पालन करना चाहिए, ताकि जैविक खाद बनाने के लिए गाय और भैस के गोबर का उपयोग किया जा सके। इस जैविक खाद से खेतों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है और किसानों को दोगुना मुनाफा होता है।
राजरानी बाई पटेल ने बताया कि स्ट्रेचिंग तकनीक का उपयोग कर साग-सब्जियों की फसल में उन्हें 75% तक का लाभ हुआ है। इस तकनीक के जरिए, किसान भाइयों और बहनों को भी 100% तक का लाभ हो सकता है। टमाटर के पौधों को स्ट्रेचिंग तकनीक से ऊपर उठाने से फल ज़मीन से ऊपर रहता है, जिससे कीटाणुओं और सड़न की समस्या नहीं होती है। इससे टमाटर का वजन भी बढ़ता है, जिससे किसानों की आमदनी में दोगुना वृद्धि होती है।
राजरानी बाई काछी पटेल का टमाटर की फसल में विशेष वैशिष्ट्य है कि इसमें आकार में मीडियम साइज होता है, लेकिन वजन के मामले में बड़े आकार के टमाटर से कम नहीं है। इससे ग्राहक को कम वजन में अधिक टमाटर मिलते हैं, जिससे उन्हें अधिक मूल्य मिलता है।
इस नई तकनीक के उपयोग से बढ़ती हुई टमाटर की खेती से दमोह जिले के किसानों को हो रहा है बहुत लाभ। राजरानी बाई पटेल की तरह कई किसान इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं और अपनी आमदनी में सुधार देख रहे हैं। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि वह और भी सुधरी हुई तकनीकों के माध्यम से अच्छी खेती करके देश की आर्थिक स्थिति में भी सहायक बन रहे हैं।