इस ₹20 के पौधे ने किसान को बनाया 6 महीने में लखपति, सिर्फ 30. हजार रूपये की लागत से एक एकड़ में उगाये 1500 पपीते के पेड़, जानिए कितनी होती है कमाई

रामानुज ने पपीते की खेती के लिए जरूरी जानकारी इकट्ठा की और खुद को इस क्षेत्र में मास्टर बनाया। उन्होंने यह ध्यान दिया कि वे अच्छी कंपनियों से हाइटेक पपीते के बीज लेकर खेती की शुरुआत करें, जिससे उन्हें बेहतर उपज मिल सके।

इस ₹20 के पौधे ने किसान को बनाया 6 महीने में लखपति, सिर्फ 30. हजार रूपये की लागत से एक एकड़ में उगाये 1500 पपीते के पेड़, जानिए कितनी होती है कमाई
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इस ₹20 के पौधे ने किसान को बनाया 6 महीने में लखपति, सिर्फ 30. हजार रूपये की लागत से एक एकड़ में उगाये 1500 पपीते के पेड़, जानिए कितनी होती है कमाई






रामानुज तिवारी, जो इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर होने के बावजूद अब एक सफल पपीते के किसान हैं, ने अपने आत्मविश्वास और प्रयासों से एक नई कहानी लिख दी है। इस किसान के जीवन का सफर बेहद प्रेरणास्पद है, और उनकी पपीते की खेती की तकनीकें बेहद योग्यतापूर्ण हैं।

पपीते की खेती का आरंभ

रामानुज तिवारी का सफर उनके नौकरी के खोने के बाद शुरू हुआ, जब उन्होंने अपनी दुकान खोली, लेकिन उनका सपना अभी भी अधूरा था। उन्होंने खेती के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया और वह एक नए सफर की शुरुआत करने के लिए तैयार थे।

पपीते की खेती का मास्टर

रामानुज ने पपीते की खेती के लिए जरूरी जानकारी इकट्ठा की और खुद को इस क्षेत्र में मास्टर बनाया। उन्होंने यह ध्यान दिया कि वे अच्छी कंपनियों से हाइटेक पपीते के बीज लेकर खेती की शुरुआत करें, जिससे उन्हें बेहतर उपज मिल सके।

पपीते की खेती का विज्ञान

रामानुज तिवारी ने पपीते की खेती के लिए विज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाया। उन्होंने पपीते के पौधों की देखभाल के लिए विशेष तरीकों का उपयोग किया, जैसे कि डाई, यूरिया, और पोटास के मिश्रण का इस्तेमाल करना। उन्होंने सिंचाई के लिए भी विशेष तरीकों का अध्ययन किया, जिससे पपीते की उपज में वृद्धि हो सके।

बड़ा मुनाफा

आज, रामानुज तिवारी का पपीते की खेती कामयाबी की ऊँचाइयों तक पहुंच गया है। उन्होंने देवरिया जिले के तरकुलवा में एक एकड़ ज़मीन पर पपीते की खेती करने का नाम कमाया है। उनकी मेहनत और विज्ञानिक दृष्टिकोण ने उन्हें इस क्षेत्र में सफलता दिलाई है, और उन्होंने न केवल अपने लिए बल्कि अपने प्रदेश और देश के किसानों के लिए एक मिसाल प्रस्तुत की है।

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