मध्य प्रदेश के इस किसान ने किया कमाल का काम! बिजली पैदा करने के लिए खड़ी की टरबाइन, जानिए पूरी खबर

मध्य प्रदेश के इस किसान ने किया कमाल का काम! बिजली पैदा करने के लिए खड़ी की टरबाइन, जानिए पूरी खबर
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मध्य प्रदेश के एक किसान ने कुछ अद्भुत किया है, जो वाकई हैरान कर देता है। उन्होंने सात करोड़ रुपये खर्च करके एक बांध बनाया है। यह काम उन्होंने 12 साल पहले शुरू किया था जब उन्हें बिजली की कटौती से जुझना पड़ा था। उनके बनाए गए डैम से 100 किलोवाट की बिजली उत्पन्न होती है।

यह डैम कुंदा नदी पर बनाया गया है और इसकी लंबाई 600 फीट से भी अधिक है, साथ ही करीब 5 फीट चौड़ा है। मोहनलाल जांगड़े प्रदेश के बाड़ी के निवासी हैं और उन्हें अपने पेशे के साथ ही आईटीआई डिप्लोमा की शिक्षा भी मिली है। उन्होंने बताया कि 2009 में उनके पिता का निधन होने पर उन्होंने उनके अंतिम संस्कार में बाल दान के लिए कुंदा नदी के किनारे जाते समय इस बांध के निर्माण का विचार लिया था।

कैसै आया बांध का ख्याल?

किसान मोहनलाल जांगड़े विवरण करते हैं कि उनके इलाके में सिर्फ 6 घंटे ही बिजली आती थी, जो केवल खेत की सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं थी। इस समस्या का समाधान करने के लिए, उन्होंने 2011 में फैसला किया कि वे कुंदा नदी पर एक डैम बनाएंगे।

उन्होंने इसके लिए जल संसाधन विभाग (WRD) के अधिकारियों से बातचीत की और ऊर्जा प्लांट के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए SGSITS इंदौर जाए। उन्होंने भोपाल के ऊर्जा विभाग में आवेदन और परियोजना की विस्तृत जानकारी सबमिट करने के बाद 2013 में इसकी मंजूरी प्राप्त की।

डैम बनाने में खर्च हुए 7 करोड़

अनुमति प्राप्त होने के बाद, उन्होंने डैम निर्माण कार्य की शुरुआत की। इसकी टरबाइन तैयार करने में करीब 4 साल लगे। यहाँ तक कि अन्य तैयारियों का काम भी जारी था। 2023 में, प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में अब तक 7 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो उनकी जेब से निकले हैं। डैम में 14 मीटर लंबा 200 दयालु टरबाइन है, जो एक प्लेनेटरी गियरबॉक्स को चलाते हैं। टरबाइन एक बार प्लेनेटरी गियरबॉक्स को घूमाने पर 252 बार घूमता है, जिससे एक बार में लगभग 100 किलोवाट की बिजली उत्पन्न हो सकती है।

सरकार से मदद चाहते है किसान

किसान ने बताया कि प्रोजेक्ट की डीपीआर मंजूरी और लेटर के साथ ही कलेक्टर द्वारा डेम साइट पर 3100 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई है. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी जबलपुर के साथ पॉवर पर्चेस एग्रीमेंट भी हुआ है, लेकिन किसान को अब तक सब्सिडी की राशि नहीं मिली है. दरअसल केंद्र की योजना में 90 फीसदी सब्सिडी निर्धारित थी. किसान मोहनलाल ने बताया इंदौर के जीएसआईटीएस पावर प्लांट के लिए जानकारी ली. वहां से पता चला कि केंद्र शासन की योजना में सब्सिडी मिलती है.

PM और एमपी के CM से की अपील

इस प्रोजेक्ट में उन्हें खुद के पैसे केवल 10% लगाना था लेकिन पूरा खर्च करने के बावजूद अनुदान नहीं मिला है. मोहनलाल ने मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव और पीएम मोदी से इस डैम में सहायता करने की अपील भी की है. उन्होंने बताया कि सरकार अगर सहायता करे तो इस बांध से एक मेगावाट तक बिजली उत्पन्न की जा सकती है.

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