ये किसान करीब 17 सालों से कर रहे 45 एकड़ भूमि में तुलसी की खेती, पत्तियां, टहनियां, बीज और पल्प बेच कमा रहे करोड़ों रुपए

हरसुख भाई पटेल ने 17 वर्ष पहले अहमदाबाद में वैज्ञानिकों की ट्रेनिंग के बाद औषधीय फसलों की खेती की शुरुआत की। इसमें उनकी मेहनत, समर्पण और निष्ठा ने उन्हें सफलता दिलाई

ये किसान करीब 17 सालों से कर रहे 45 एकड़ भूमि में तुलसी की खेती, पत्तियां, टहनियां, बीज और पल्प बेच कमा रहे करोड़ों रुपए
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ये किसान करीब 17 सालों से कर रहे 45 एकड़ भूमि में तुलसी की खेती, पत्तियां, टहनियां, बीज और पल्प बेच कमा रहे करोड़ों रुपए

गुजरात के राजकोट जिले के धोराजी गाँव के किसान हरसुख राणाभाई पटेल ने अपनी उन्नत औषधीय खेती की कहानी से लोगों को प्रेरित किया है। उनकी कठिनाइयों भरी शुरुआत से लेकर, उनके सफलतापूर्वक फसलों की खेती तक, वे एक अद्भुत प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं।





उद्यमिता की शुरुआत

हरसुख भाई पटेल ने 17 वर्ष पहले अहमदाबाद में वैज्ञानिकों की ट्रेनिंग के बाद औषधीय फसलों की खेती की शुरुआत की। इसमें उनकी मेहनत, समर्पण और निष्ठा ने उन्हें सफलता दिलाई। वे पहले तो आसवन टैंक लगाने के बारे में सोचते थे, लेकिन जब दूसरे किसान उनकी फसलों की देखभाल के लिए आने लगे, तो उन्होंने उन्हें अपनी औषधीय खेती के तरीकों से परिचित कराया।

विविधता में धन

हरसुख भाई पटेल की खेती में विविधता है, जो उन्हें सफलता तक पहुँचाई है। वे पामरोज, लेमनग्रास, मेंथा, तुलसी, खस, पचौली, सिट्रोला, नेपाली सतावर, अश्वगंधा जैसी औषधीय व सगंध पौधों की खेती करते हैं। उन्होंने सभी फसलों के आसवन के लिए आसवन टैंक लगाने का भी विचार किया, जिससे उनकी खेती में वृद्धि हो सके और अन्य किसान भी उनके तरीकों का अनुसरण कर सकें।

औषधीय पौधे न केवल पारंपरिक औषधि एवं हर्बल उद्योग के लिए एक प्रमुख संसाधन आधार हैं, बल्कि भारतीय आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए आजीविका और स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करते हैं। देश में 80 से 90 बिलियन औषधीय पौधों का कारोबार होता है। हर वर्ष लगभग 10 अरब रुपए की औषधीय पौधों का निर्यात होता है।


हरसुख भाई पटेल की सफलता का राज उनके प्रयत्नशीलता और आत्म-संघर्ष में है। उन्होंने अपनी खेती को सिर्फ नए तरीकों से नहीं खोला, बल्कि उन्होंने उन तरीकों का उपयोग भी सिखाया, जो दूसरे किसानों को उनकी खेती में सफलता दिलाने में मदद कर सके।

सम्मान और सहायता

नरेन्द्र मोदी जैसे प्रमुख नेताओं ने हरसुख भाई पटेल को उनकी उद्यमिता और योगदान के लिए सम्मानित किया है। उनके आदर्श से वे देश के प्रगतिशील किसानों में शामिल हो गए हैं और अन्यों को भी उनके पथ पर चलने की प्रेरणा मिल रही है।

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