सिंदूरी अनार की खेती से ये किसान कर रहा सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई ? जाने कैसे :-

सिरोही जिले का एक किसान चर्चा का विषय बना हुआ है.  किसान खेती के जरिए सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहा है

सिंदूरी अनार की खेती से ये किसान कर रहा  सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई ? जाने कैसे :-
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राजस्थान के सिरोही जिले का एक किसान चर्चा का विषय बना हुआ है. किसान खेती के जरिए सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहा है. किसान श्रवण सिंह ने ग्रेजुएट तक पढ़ाई की है और वो खेती के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है, इससे उन्हें काफी मुफाना हो रहा है. श्रवण ने अपने फॉर्म हाउस में सिंदूरी अनार, नींबू, आम, चीकू और खीरे की स्पेशल वैरायटी लगाई है. श्रवण ने बताया कि उनके सिंदूरी अनार के दीवाने है अरब देश के शेख सबसे ज्यादा हैं |

श्रवण सिंह ने बताया कि वो खेती करने से पहले वो रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करते थे. लेकिन उन्होंने जब धीर-धीरे खेती में अपने हाथ आजमाने शुरू किए तो मुनाफा बढ़ता चला गया. फिर उन्होंने अपने रेडीमेड गारमेंट्स के शोरूम बंद कर दिया. अब वो पूरी तरह से खेती कर लाखों रुपयों की कमाई कर रहे हैं.

श्रवण सिंह के खेत में उगे अनार के दीवाने हैं अरब देश के शेख

शुरुआत में श्रवण सिंह ने पहली क्रॉप पपीते की लगाई थी. जिसमें उन्हें तीसरे प्रयास में 17 से 18 लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ था. उसके बाद साल 2011 में 12 हेक्टेयर में नीबू के पौधे लगाई. फिर साल 2013 में अनार उगाने का काम शुरू किया. अनार का प्रोडक्शन 2 साल में शुरू हुआ जिसमें उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली.

श्रवण सिंह ने बताया कि साल भर में फलों के 4 सीजन होते हैं. इसमें से प्रमुखता से अनार एक्सपोर्ट होता है. जो दुबई, बांग्लादेश और नेपाल तक जाता है. श्रवण सिंह ने बताया कि उनके खेतों में उगे फलों की क्वालिटी यूरोप एक्सपोर्ट होने लायक भी है. यह लैब टेस्ट में प्रमाणित हो चुका है. खेत पर ही पैकेजिंग होती है. साथ ही रिलायंस फ्रेश, देहात सुपरमार्केट, जैन इरीगेशन जैसी मल्टिनेशनल कंपनियों से भी है टाईअप किया हुआ है.

गारमेंट्स का शोरूम बंद कर शुरू की खेती, कमाने लगे लाखो रुपये

श्रवण ने 5 हजार अनार के पेड़ लगाए हैं. करीब इतने ही पेड़ उन्होंने अपने भाई के फॉर्म हाउस पर लगाए हैं. इसके अलावा ताइवान पिंक अमरूद, गुजरात के जूनागढ़ से लाकर केसर आम की एक खास किस्म भी लगाई हुई है. जिन्हें केसर और मल्लिका नाम से जाना जाता है. यही नहीं वो अपने खेतों में ऑर्गेनिक तरीके से खीरे,अमरूद भी उगाते है. साथ ही अंगूर की खेती का भी प्रयोग कर रहे है.

इसके अलावा श्रवण ने बताया कि साल 2011 में उन्होंने 12 हेक्टेयर में नींबू के बगीचे से शुरुआत की. करीब 35 सौ पौधे लगाए थे, जिसमें चौथे पांचवें साल से उत्पादन शुरू हुआ था. वैसे तो 3 साल में उत्पादन शुरू हो जाता है, लेकिन कमर्शियल उत्पादन पांचवें साल से मिलना शुरू हुआ था. इसके बाद 2013 में हमने अनार का प्लांटेशन शुरू किया अनार का प्रोडक्शन 2 साल में शुरू हो गया था. उससे अच्छी खासी कमाई हुई थी.

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