इस किसान ने खुद लिखी अपनी किस्मत, बंजर इलाका होने पर भी 100 आम के पेड़ का बगीचा, साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद से कमाई 15 लाख रुपए

शहर में एक किसान ने गौशाला बनाकर वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है।

इस किसान ने खुद लिखी अपनी किस्मत, बंजर इलाका होने पर भी 100 आम के पेड़ का बगीचा, साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद से कमाई 15 लाख रुपए
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इस किसान ने खुद लिखी अपनी किस्मत, बंजर इलाका होने पर भी 100 आम के पेड़ का बगीचा, साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद से कमाई 15 लाख रुपए

महाराष्ट्र के बीड जिले में रहने वाले किसानों के लिए गोबर से 15 लाख रुपए की कमाई का एक नया द्वार खुल गया है। इस छोटे से शहर में एक किसान ने गौशाला बनाकर वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया है, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है। आइए जानते हैं, इस किसान की कहानी को विस्तार से।

बीड जिला: एक सूखाग्रस्त क्षेत्र

महाराष्ट्र के बीड जिला को सूखाग्रस्त क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां की भगौलिक परिस्थितियां खेती के लिए अच्छी नहीं हैं। इस क्षेत्र के किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन में भी सक्रिय रहते हैं।

गौशाला का निर्माण

बीड जिले के किसान अमरनाथ अंदुरे के पास 50 एकड़ जमीन है, जिनमें से 5 एकड़ जमीन पर वह खेती करते हैं। इन खेतों में उन्होंने 100 आम के पेड़ लगाए हैं, जिससे उन्हें खेती से भी अच्छी कमाई हो रही है। वह ने सिर्फ 5 हजार रुपए की लागत में गन्ने के फूस और लकड़ी से बनी एक छोटी सी गौशाला बनाई है, जिससे उन्हें वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन करने का मौका मिलता है।

वर्मी कंपोस्ट का बिजनेस

अमरनाथ अंदुरे ने वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन 2015 से शुरू किया है, और इस बिजनेस में वह गोबर और मजदूरी पर 50 हजार रुपए खर्च करते हैं। इससे उन्हें प्रतिवर्ष 15 लाख रुपए तक का मुनाफा हो रहा है। इसके बाद वह ओमान जैसे देशों को वर्मी कंपोस्ट निर्यात कर रहे हैं, जिससे उनका व्यापार और भी मजबूत हो रहा है।

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