खेती की इस तकनीक से हो रही लाखों की कमाई, दोगुनी हो रही किसानों की आय
Kheti News : एक किसान जब खेती करता है, तब ही देश आशीर्वादित होता है, यह बात तो आपने बहुत बार सुनी होगी। हालांकि, इस सुप्रसिद्ध कहावत के बावजूद, कई बार फसलों का बर्बाद हो जाने से किसान स्वयं भूखा रह जाता है। फसल का बर्बाद होने के कई कारण हो सकते हैं।
इस चुनौती को नकारात्मक परिणाम से निपटने के लिए, किसानों को खेती की तकनीक में कुछ परिवर्तन करना चाहिए। इसी कड़ी में, हम एक ऐसी तकनीक के बारे में चर्चा करेंगे जिसे इंटीग्रेटेड फार्मिंग कहा जाता है, जिससे नुकसान कम होता है और मुनाफा बढ़ता है। इस तकनीक के माध्यम से, किसान छोटी सी जगह पर अच्छी खेती करके अच्छी कमाई कर सकता है।
इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्या है?
इंटीग्रेटेड फार्मिंग एक कृषि मॉडल है, जिसमें एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की फार्मिंग संबंधित गतिविधियां की जाती हैं। इसमें एक ही स्थान पर कई प्रकार की फसलें उगाना, पोल्ट्री करना और मछली पालन करना शामिल है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें कम लागत वाली खेती की जा सकती है, जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकता है। इस तकनीक को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इंटीग्रेटेड फार्मिंग के फायदे
- कम जगह पर अधिक उत्पादन: कम जगह में भी इंटीग्रेटेड फार्मिंग से अधिक उत्पादन किया जा सकता है। इसमें कई विभिन्न गतिविधियों का सम्मिलन होता है, जिससे जगह का सबसे अधिक संप्रेषण होता है।
- सामग्री और संसाधनों की बचत: एकीकृत फार्मिंग में, एक ही स्थान पर कई गतिविधियां होती हैं, जिससे सामग्री और संसाधनों का सही से प्रबंधन किया जा सकता है और बचत हो सकती है।
- नुकसान की कमी: इस तकनीक में, अगर किसी एक फसल में नुकसान होता है, तो दूसरी गतिविधियों से नुकसान कम किया जा सकता है।
- विभिन्न आय स्रोत: इंटीग्रेटेड फार्मिंग में, किसान विभिन्न आय स्रोतों से पैसा कमा सकता है, जैसे कि फसल, पोल्ट्री, मछली, आदि।
आसान है इंटीग्रेटेड फार्मिंग शुरू करना
एकीकृत खेती को शुरू करना बहुत आसान है। यह एक टाइम इन्वेस्टमेंट का फॉर्मूला है, जिसमें फसल की प्रकृति, पशुओं की जाति, पोल्ट्री का स्थान, मछली की प्रकार के साथ-साथ तालाबों और तटबंधों के निर्माण और बाजार की मांग का भी ध्यान रखना होता है।
इससे किसानों के लिए एकीकृत फार्मिंग से उगाई जाने वाली पैदावार की बिक्री करना आसान हो जाता है, लेकिन एकीकृत फार्मिंग शुरू करने के लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना फायदेमंद साबित होता है। वे किसानों को बजट और जमीन के हिसाब से फार्मिंग में सही चीजें जोड़ने की सलाह देते हैं, जिससे किसानों को काफी मदद मिलती है।