उत्तर प्रदेश के इन दो बड़े शहरों को जोड़ेगा यह नया एक्सप्रेसवे, जमीन अधिग्रहण का काम हुआ पूरा, किसानों सहित आमजन को मिलेगा बड़ा लाभ

उत्तर प्रदेश के इन दो बड़े शहरों को जोड़ेगा यह नया एक्सप्रेसवे, जमीन अधिग्रहण का काम हुआ पूरा, किसानों सहित आमजन को मिलेगा बड़ा लाभ
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उत्तर प्रदेश के इन दो बड़े शहरों को जोड़ेगा यह नया एक्सप्रेसवे, जमीन अधिग्रहण का काम हुआ पूरा, किसानों सहित आमजन को मिलेगा बड़ा लाभ

खेत खजाना : गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे भारत में एक्सप्रेसवे का जाल तेजी से फैल रहा है, जिससे देश के विभिन्न हिस्सों के बीच कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में बढ़ोतरी हो रही है. इसी दिशा में उत्तर प्रदेश में भी एक नया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जो गाजियाबाद और कानपुर को जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन दोनों शहरों के बीच का सफर सिर्फ 3 घंटे में हो जाएगा, जो अभी 8 घंटे का है. इस लेख में हम आपको इस एक्सप्रेसवे के बारे में सब कुछ बताएंगे, जैसे कि इसकी लंबाई, विशेषताएं, फायदे और निर्माण की प्रगति.

इस एक्सप्रेसवे की लंबाई कितनी है?

गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 380 किलोमीटर होगी, जिसमें 4 लेन होंगे, जिन्हें भविष्य में 6 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इस एक्सप्रेसवे को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत बनाया जाएगा, जिसका मतलब है कि इसमें पेड़-पौधे, सोलर पैनल, रेनवाटर हार्वेस्टिंग, वास्तुकला और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने वाले तत्व शामिल होंगे.

इस एक्सप्रेसवे से कौन-कौन से शहर होंगे जुड़े?

इस एक्सप्रेसवे से उत्तर प्रदेश के 10 बड़े शहर होंगे जुड़े, जो निम्नलिखित हैं:

गाजियाबाद: यह दिल्ली-एनसीआर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां कई औद्योगिक, शिक्षण और व्यापारिक संस्थान हैं. यहां की जनसंख्या 46 लाख से अधिक है.

हापुड़: यह मेरठ जिले का एक नगर पालिका है, जो गन्ने की खेती और चीनी मिलों के लिए प्रसिद्ध है. यहां की जनसंख्या 1.5 लाख से अधिक है.

बुलन्दशहर: यह एक प्राचीन शहर है, जो यमुना और गंगा नदियों के बीच स्थित है. यहां के कुछ प्रमुख आकर्षण हैं कुछेश्वर महादेव मंदिर, खुर्जा के चीनी मिट्टी के बर्तन, और देवरानी-जेठानी के मंदिर. यहां की जनसंख्या 4 लाख से अधिक है.

अलीगढ: यह एक शिक्षण और सांस्कृतिक केंद्र है, जहां अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, नौरास महल, और शीर्षका मंदिर जैसे स्थान हैं. यहां की जनसंख्या 8.7 लाख से अधिक है.

कासगंज: यह एक नवनिर्मित जिला है, जो एटा से अलग हुआ है. यहां की आर्थिक गतिविधियों में कृषि, वस्त्र, और लकड़ी का कारोबार शामिल है. यहां की जनसंख्या 1.4 लाख से अधिक है.

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