पॉपकॉर्न वाली ये मक्का सिर्फ 3 महीने में देगी 86 क्विंटल पैदावार, पूसा की इस खास किस्म से किसान हैं काफी उत्साहित

पूसा एचएम-4 इम्प्रूवड एक उत्कृष्ट मक्का की किस्म है जो सिर्फ 87 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर अधिकतम 86 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है।

पॉपकॉर्न वाली ये मक्का सिर्फ 3 महीने में देगी 86 क्विंटल पैदावार, पूसा की इस खास किस्म से किसान हैं काफी उत्साहित
X

पॉपकॉर्न वाली ये मक्का सिर्फ 3 महीने में देगी 86 क्विंटल पैदावार, पूसा की इस खास किस्म से किसान हैं काफी उत्साहित

मक्का, जिसे खाद्यान्न फसलों की रानी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण फसल है जो भारत में विशेष रूप से उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में उगाई जाती है। मक्का का उत्पादन क्षमता खाद्यान्न फसलों में सबसे अधिक होने के कारण यह इस क्षेत्र के किसानों के लिए महत्वपूर्ण धान्य है। पहले इसे गरीबों का मुख्य भोजन माना जाता था, लेकिन अब इसका उपयोग अन्य फूड प्रोडक्ट्स में भी होता है। इसकी पैदावार और पोषक गुणों से भरपूर होने के कारण लोगों के लिए एक उत्कृष्ट खाद्यान्न विकल्प बना हुआ है।

मक्का की खास विशेषताएं

पूसा एचएम-4 इम्प्रूवड एक उत्कृष्ट मक्का की किस्म है जो सिर्फ 87 दिनों में तैयार हो जाती है और प्रति हेक्टेयर अधिकतम 86 क्विंटल तक पैदावार दे सकती है। इसके खास गुणों में लाइसिन और ट्रिप्टोफैन की अधिक मात्रा होने के कारण इसे अन्य मक्का किस्मों से अलग बनाता है। यह मक्के के अन्य प्रकार के मुकाबले अधिक पोषक तत्व प्रदान करती है जो मानव शरीर के लिए अमीनो एसिड के रूप में उपयुक्त है। इसमें लाइसिन 3.62 प्रतिशत और ट्रिप्टोफैन 0.91 फीसदी की मात्रा होती है।

मक्का की खेती के लिए उपयुक्त क्षेत्र

पूसा एचएम-4 इम्प्रूवड मक्का उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, जैसे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों के लिए उपयुक्त है। इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मक्का की खेती होती है और इसका उत्पादन कृषि अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। मक्का एक फसल है जो सूखे और अधिक पानी वाले क्षेत्रों में भी अच्छी पैदावार कर सकती है। इसलिए उन किसानों को भी मक्के की खेती में रुचि है, जो जलवायु की अच्छाई नहीं रखते।

मक्के के उपयोग

मक्का को अलग-अलग रूपों में उपयोग किया जाता है। कुछ लोग पॉपकॉर्न बनाने के लिए मक्के का उपयोग करते हैं, जबकि स्वीटकॉर्न और बेबीकॉर्न भी लोकप्रिय विकल्प हैं। इसके अलावा, मक्के से इथेनॉल भी बनाया जा सकता है, जो एक प्रकार का विकल्पी ईंधन होता है।

खरीफ सीजन की फसल

भारत में खरीफ मौसम में लगभग 75 फीसदी मक्का की खेती होती है। भारत विश्व में मक्के के उत्पादन में चौथे स्थान पर है, जो अमेरिका, चीन, ब्राजील, और मैक्सिको के बाद आता है। यह फसल भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है और इसके उत्पादन में नए उन्नत जैविक प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है।

संक्षेप में कहें तो, मक्का भारत में एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है जो उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में खेती की जाती है। पूसा एचएम-4 इम्प्रूवड मक्का एक उत्कृष्ट वैराइटी है जो अधिक पोषक तत्वों से भरपूर है और सिर्फ 87 दिनों में तैयार हो जाती है।

Tags:
Next Story
Share it