इस बार आम बजट में जनता के लिए होगी 'बड़ी घोषणा'?, जानिए क्या कहा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने, अहम जानकारी...
गोयल ने 2019 में पेश अंतरिम बजट में 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये प्रतिवर्ष नकद सहायता दिये जाने की घोषणा की थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक फरवरी, 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह आम चुनाव से पहले पेश होने वाला लेखानुदान होगा। यह सीतारमण का छठा बजट पेट होगा। सीतारमण ने सीआईआई-वैश्विक आर्थिक नीति मंच को संबोधित करते हुए कहा कि अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों के बाद चुनी हुई नई सरकार वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश करेगी। सीतारमण एक फरवरी, 2024 को लोकसभा में एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी।
घोषणाएं करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं उल्लेखनीय है कि अरुण जेटली के बीमार पड़ने के बाद वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे पीयूष गोयल ने 2019 में अंतरिम बजट पेश किया था। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद सीतारमण को वित्त मंत्री बनाया गया था। उन्होंने पांच जुलाई, 2019 को पूर्ण बजट पेश किया था।
वास्तव में लेखानुदान के जरिये नई सरकार के कार्यभार संभालने तक कुछ जरूरी खर्च करने के केद्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में आर्थिक स्थिति पर राज्यसभा में अल्पकालिक चर्चा का जवान देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल को विभिन्न योजनाओं को 'नम के वास्ते आरंभ किया। रोजगार के मोर्वे पर विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए सीतारमण ने कहा कि बेरोजगारी दर 2017-18 के 17.8 प्रतिशत से घटकर अब 10 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने कहा कि भारत आज दूध, दलहन, कपास, चीनी सहित कुछ अन्य चीजों के उत्पादन में दुनिया के देशों में पहले स्थान पर है जबकि चावल, गेहूं गन्ना और फलों व सब्जियों के उत्पादन में वह दूसरे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि मछली, ऑटोमोबाइल, फार्मा और ऊर्जा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में भारत आज दुनिया में तीसरे स्थान पर है।
लिए व्यवस्था की जाती है। सरकारें पूर्व में लेखानुदान के दौरान कोई भी बड़ी नीतिगत घोषणा करने से बचती रही हैं लेकिन बड़ी घोषणाएं करने पर कोई संवैधानिक रोक नहीं है। गोयल ने 2019 में पेश अंतरिम बजट में 12 करोड़ किसानों को 6,000 रुपये प्रतिवर्ष नकद सहायता दिये जाने की घोषणा की थी। इसके अलावा, मध्यम वर्ग के लिए कर रियायतों की भी घोषणा की थी।