टमाटर की इस अनोखी किस्म ने बदली किसानों की जिंदगी, आमदनी में हो रही बंपर बढ़ोतरी

अन्य फसलों की खेती छोड़ यहां के किसानों ने इस अनोखे किस्म के टमाटर की खेती करना शुरू किया है। महिला किसान राजरानी बाई पटेल ने कहा कि अमुमन किसान अब स्ट्रैचिंग तकनीक का इस्तेमाल कर साग सब्जियों की फसल ले रहे हैं, आइये जानते है कैसे की जाती है यह खेती...

टमाटर की इस अनोखी किस्म ने बदली किसानों की जिंदगी, आमदनी में हो रही बंपर बढ़ोतरी
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Tomato Farming: आजकल अन्य फसलों के मुकाबले विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती का क्रेज तेजी से बढ़ा है। लघु किसानों ने अब साग सब्जी उगाना शुरू कर दिया है, जिससे कम लागत और समय में खर्चे से दोगुनी आय किसान प्राप्त कर रहे है। जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो रही है।

इसी कड़ी में बुंदेलखंड के दमोह जिले के लघु किसानों ने सब्जियों की ख़ास तकनीक अपनाकर साग सब्जियों से अच्छा ख़ासा मुनाफ कमाया है। जिसको लेकर जिले के घानमेली, जबेरा,नोहटा,बांदकुपर और राजघाट गांव में भारी संख्या में लघु किसान तरह -तरह की सब्जियों का उत्पादन कर रहे हैं।

इन्ही छोटे किसानों में से एक महिला किसान राजरानी बाई पटेल ने जिन्होंने करीब 2 लाख रुपये की लागत से स्ट्रेचिंग तकनीक से टमाटर की खेती की है।

खेत में जैविक खाद डालने से बढ़ेगी पैदावार

महिला किसान के बेटे छोटू का कहना है की लघु किसान भाइयों को घरों में पशु पालन करना चाहिए। ताकि गाय-भैंस के गोबर से जैविक खाद तैयार की जा सके। जैविक खाद खेती के लिए वरदान साबित होती है। इसमें भरपूर पोषक तत्व होते है जिससे पैदावार अच्छी होती है। खेत में जुताई, गुड़ाई करने से पहले इसे पूरे खेत में डलवा दे किसके बाद अच्छे खेत में बखरनी, जुताई,जिलाई के बाद बीज की बोवाई कर दे।

जब यह बीज अंकुरित होकर जमीन से बाहर निकल आए तो करीब 14 दिन बाद फिर एक बार इस खाद का उपयोग करें और दूसरे दिन फसल की सिंचाई कर दे इससे गोबर की खाद मिट्टी में मिल जाएगी जिसे फसल की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो जाएगी और किसानों को दोगुना मुनाफा होने लगेगा।

इस तकनीक ने बड़ा दिया टमाटर का वजन

महिला किसान राजरानी बाई पटेल ने कहा कि अमुमन किसान अब स्ट्रैचिंग तकनीक का इस्तेमाल कर साग सब्जियों की फसल ले रहे हैं. उन्हें 75% लाभ ही मिल पाता है. इस तकनीक के जरिए किसान भाई,बहिने 100% तक का लाभ ले सकते हैं।

तैयार हुए टमाटर के पौधों को तार के सहारे ऊपर उठा देंगे तो आने वाला फल जमीन से 3 से 4 इंच तक उठा रहेगा जिससे फल में कीड़े और सड़न की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. इसके अलावा फल जितना ज्यादा हवा में होगा उसका वजन उतना ही ज्यादा बढ़ेगा. जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी।

राजरानी बाई काछी पटेल हैं,जिन्हें करीब 2 एकड़ खेत में टमाटर की फसल की हुई है. हर एक टमाटर के पेड़ पर 2 से 3 किलो टमाटर लगे हैं.

इस टमाटर की खासियत यह है.कि यह आकार में भले ही छोटे हो लेकिन वजन के मामले में किसी बड़े आकार के टमाटर से कम नहीं है. खरीदने आए ग्राहक को 500 ग्राम टमाटर लेने पर महज 2 से 3 टमाटर ही तोल में मिल पाएंगे।

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