गेहूं का दुश्मन है ये खरपतवार, कहीं पूरी फसल पर न कर दें अटेक, बचाव के लिए करें यह काम

गेहूं का दुश्मन है ये खरपतवार, कहीं पूरी फसल पर न कर दें अटेक, बचाव के लिए करें यह काम
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गेहूं का दुश्मन है ये खरपतवार, कहीं पूरी फसल पर न कर दें अटेक, बचाव के लिए करें यह काम

खेत खजाना : भारत में रबी फसल के लिए सबसे खतरनाक खरपतवार, फालारिस माइनर या गेहूं का मामा कहा जाता है। इसे गुल्ली डंडा भी कहा जाता है और इसकी पहचान करना गेहूं के खेतों में कठिन होता है।

पहचान का तरीका

मंडूसी के पौधे गेहूं के पौधों से तुलना में हल्के रंग के होते हैं और इसका तना जमीन के पास से लाल रंग का होता है। जब इसे तोड़ा जाता है, तो लाल रंग का रस निकलता है। यदि गेहूं के पौधों से निकलने वाला रस रंग विहीन है, तो इसमें मंडूसी का प्रकोप हो सकता है।

बचाव के उपाय

बीज रहित गेहूं की बुवाई: गेहूं की बुवाई के दौरान बीज रहित गेहूं की बुवाई करें। लाइन से लाइन की दूरी को 18 सेंटीमीटर से कम रखें और खाद को बीज के 2-3 सेंटीमीटर नीचे डालें। मेढ़ पर बिजाई करने से भी मंडूसी का प्रकोप कम हो सकता है।

वीडीसाइड दवाएं: गेहूं उगने से पहले मंडूसी के नियंत्रण के लिए वीडीसाइड दवाओं का प्रयोग करें। प्यूमासुपर 10 ई.सी. (फिनोक्साप्रोपइथाईल) को 800-1200 मिली लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 250-300 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

इन उपायों का पालन करके किसान गेहूं के खेतों में मंडूसी से बचा सकता है और अच्छी खेती कर सकता है।

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