साड़ी बनाने का काम छोड़ इस महिला ने शुरू किया वर्मी कंपोस्ट खाद का बिजनेस, आज हर महीने बनाती है 35 टन वर्मी कंपोस्ट खाद

कनिका अपने वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस में मात्र 500 रुपये से ही शुरू किया था, लेकिन उनकी मेहनत और आदर्श विचारधारा ने उन्हें लाखों की कमाई दिलाई

साड़ी बनाने का काम छोड़ इस महिला ने शुरू किया वर्मी कंपोस्ट खाद का बिजनेस, आज हर महीने बनाती है 35 टन वर्मी कंपोस्ट खाद
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साड़ी बनाने का काम छोड़ इस महिला ने शुरू किया वर्मी कंपोस्ट खाद का बिजनेस, आज हर महीने बनाती है 35 टन वर्मी कंपोस्ट खाद



असम की महिला ने खुद को साबित किया कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। वर्मीकम्पोस्ट (Vermicompost) बिज़नेस ने उन्हें लाखों की कमाई दिलाई, जानिए कनिका की यह अद्वितीय कहानी.

वर्मीकम्पोस्ट: एक आदर्श विकल्प

केमिकल युक्त फ़र्टीलाइज़र्स के नुकसान से परेशान किसानों के लिए वर्मीकम्पोस्ट एक आदर्श विकल्प है। इससे मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ते हैं और फसल की पैदावर में भी वृद्धि होती है। ऑर्गैनिक फार्मिंग की मांग बढ़ रही है, और वर्मीकम्पोस्ट इसकी जरूरत को पूरा करने में मदद कर रहा है।

कनिका की कहानी: 500 रुपये से शुरू किया बिज़नेस





2008 में असम की कनिका के जीवन में एक बड़ी बदलाव आया। उनके परिवार में नन्हीं परी का आगमन हुआ, जिसके बाद उनके पति की मौत हो गई। पति की मलेरिया से मौत के बाद, कनिका को एक सिर्फ़ छोटी बेटी की देखभाल करनी थी, और वो उसे बेहतर जीवन दिलाने के लिए तैयार थी।

कनिका ने 12वीं तक की ही पढ़ाई की थी और छोटे-मोटे काम करके अपने गुज़ारे का खर्च चलाती थी, वो असम की साड़ी बुनाई का काम करती लेकिन इस काम के लिए सिर्फ़ 1000 रुपये ही मिलते थे. एक साड़ी बनाने में 8 दिन लगते थे. महीने के 4000 तक ही कमा पाती थी कनिका. इतने में गुज़ारा करना बहुत मुश्किल हो रहा था.लेकिन इससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। फिर आयी एक दिन की एक बदलाव की बात, जब वो असम के कृषि विज्ञान केन्द्र से 1 लाख केंचुए प्राप्त कर अपना वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस शुरू करने का फैसला लिया।

वर्मीकम्पोस्ट का बिज़नेस मॉडल

कनिका अपने वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस में मात्र 500 रुपये से ही शुरू किया था, लेकिन उनकी मेहनत और आदर्श विचारधारा ने उन्हें लाखों की कमाई दिलाई। वर्मीकम्पोस्ट बनाने के लिए वो धान के अवशेष और जलकुंभी की डंठल को गोबर के साथ मिलाती हैं, जिससे वर्म कास्टिंग बनता है। किसान इस वर्म कास्टिंग का उपयोग करके अपनी फसलों को पोषण देते हैं।

वर्मीकम्पोस्ट बनाने के साथ, कनिका ने वर्मीवॉश भी बनाना सीखा, जिससे निकलने वाला लिक्विड एक्सट्रैक्ट नाइट्रोजन, फ़ोसफ़ोरस, पोटैशियम की ज़्यादा मात्रा में होता है।

बढ़ती मांग और सफलता

कनिका ने अपने प्रोडक्ट्स को असम के कृषि विभाग के साथ मिलकर बेचने का मौका पाया है, और उनकी वर्मीकम्पोस्ट और अन्य प्रोडक्ट्स अन्य राज्यों में भी बड़ी मात्रा में बिकते हैं।

आज, कनिका हर महीने 35 टन वर्मीकम्पोस्ट बनाती हैं और उनका बिज़नेस महसूसी रूप से बढ़ रहा है। उन्होंने अपनी बेटी के लिए एक बेहतर भविष्य की तमन्ना की है, और वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस ने उन्हें इस दिशा में मदद की है।

निष्कर्ष: वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस में सफलता

कनिका की कहानी हमें यह सिखाती है कि किसी भी काम को छोटा न समझें, और अपने संकल्प से आप किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस उन्होंने मात्र 500 रुपये से ही शुरू किया, लेकिन आज वो लाखों की कमाई कर रही हैं और अपने बेटी के लिए एक बेहतर भविष्य की तमन्ना कर रही हैं।*

वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस एक सार्थक और लाभकारी विकल्प हो सकता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो घर पर ही इसे शुरू करना चाहती हैं। यह एक ओर्गैनिक और स्वास्थ्यपूर्ण विकल्प है जो किसानों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसके साथ ही, इसका विपणन करने के लिए विभिन्न राज्यों में बड़ी मात्रा में मांग है, जिससे आपके वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस को बढ़ावा मिल सकता है।

इसके अलावा, यदि आप वर्मीकम्पोस्ट बिज़नेस की पूरी जानकारी चाहते हैं या शुरू करने के लिए किसी तरह की मदद या सलाह चाहते हैं, तो आप स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र या आधिकारिक संगठनों से संपर्क कर सकते हैं।

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