तीन भाइयों ने मिलकर बंजर भूमि को बनाया स्वर्ग, तीनों की महनतकश कहानी, बिछा दी फसलों की हरियाली

तीन भाइयों ने मिलकर बंजर भूमि को बनाया स्वर्ग, तीनों की महनतकश कहानी, बिछा दी फसलों की हरियाली
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तीन भाइयों ने मिलकर बंजर भूमि को बनाया स्वर्ग, तीनों की महनतकश कहानी, बिछा दी फसलों की हरियाली

जयपुर. जयपुर से 50 किलोमीटर दूर अभयपुर गांव में निवास करने वाले तीनों भाइयों की कहानी स्वाभाविकता से भरी हुई है। साल 1967 में उनके किसान पिता भीम सिंह ने अपनी विरासत में से तीनों भाइयों को 150 बिघा की बंजर जमीन दे दी थी। यह जमीन किसानों के लिए एक चुनौतीपूर्ण क्षेत्र था।

देश सेवा या किसानी का फैसला

पिता के देश की सेवा में भर्ती होने के लिए चले गए हनुमान सिंह ने जल्दी ही फौज में नौकरी प्राप्त की, जबकि दूसरे दो भाई अपनी जमीन पर लगे रहने का फैसला लिया। जब तक हनुमान सिंह देश की सेवा में थे, वे किसान नहीं बल्क एक सैनिक थे। लेकिन उन्हें हमेशा अपनी बंजर जमीन की चिंता बनी रही। वे यकीन करते थे कि अगर वे फौज में काम करेंगे तो उनकी बंजर जमीन व्यर्थ हो जाएगी। तब हनुमान सिंह ने फैसला लिया कि वे फौजी नहीं, बल्कि किसान बनकर अपने गांव वापस लौटेंगे।

संघर्ष और सफलता की कहानी

अपनी बंजर जमीन के कारण, तीनों भाई खेती करने में लग गए और लंबे समय तक कठिनाइयों का सामना करने पर तत्पर रहे। हनुमान सिंह बताते हैं कि उस समय तक खेती के लिए तकनीकी उपकरण और सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। उस समय गांव में और भी किसान थे जिनकी जमीन अभी भी बंजर है। लेकिन तीनों भाई ने फैसला किया कि वे अपनी जमीन को बेचकर शहर में नहीं पलायन करेंगे। वे अपनी जमीन पर मेहनत करने के लिए हल और बैल का सहारा लिया और धीरे-धीरे जमीन को बेहतर बनाने के लिए काम करने लगे। कुछ सालों में, उन्होंने 2 बीघा जमीन को सुधारकर उपजाऊ बना दिया और खेती शुरू कर दी।

यत्न और संघर्ष के बाद मिली सफलता

पानी की कमी और अधिक बरसात के बावजूद, तीनों भाई निरंतर मेहनत करके अपनी जमीन को संभालते रहे। उन्होंने जमीन के एक हिस्से पर एक पक्का कुआँ बनवाया और खेती की शुरुआत की। समय के साथ, उनकी फसलें बढ़ती गईं और जमीन के शेष हिस्सों को भी उपजाऊ बनाया गया। यह संघर्ष लगभग 20 साल तक चला। आज तीनों भाइयों की जमीन पर गेहूँ, जौ, चना, बाजरा, गंवार, तिल, मूंगफली, बाजरी, मक्का, सौंफ़ और अन्य सब्जियाँ उगती हैं।

इन तीनों भाइयों की कहानी स्वीकार्य है जो खेती में कठिनाइयों का सामना करके अपनी बंजर जमीन को उपजाऊ बना दिया। उनकी मेहनत, संघर्ष, और संयम ने उन्हें सफलता तक पहुंचाया है। यह किसानों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है जो संघर्ष के बावजूद अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

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