तीन राज्यों को मिली सरकार के मंजूरी, अफीम पोस्त की खेती के लिए 1.45 लाख किसानों को मिलेगा लाइसेंस

नई नीति के अनुसार, लाइसेंसधारी किसानों की संख्या में वृद्धि की गई है और आने वाले 3 वर्षों में 1.45 लाख किसान अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।

तीन राज्यों को मिली सरकार के मंजूरी, अफीम पोस्त की खेती के लिए 1.45 लाख किसानों को मिलेगा लाइसेंस
X


तीन राज्यों को मिली सरकार के मंजूरी, अफीम पोस्त की खेती के लिए 1.12 लाख किसानों को मिलेगा लाइसेंस


भारत सरकार ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए 2023-24 फसल वर्ष में अफीम पोस्त की खेती (Opium Poppy Cultivation) के लिए एक नई लाइसेंसिंग पॉलिसी का ऐलान किया है। इस नई नीति के अनुसार, इन तीन राज्यों में लगभग 1.12 लाख किसानों को अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस दिए जाएंगे, जिससे न केवल किसानों को वाणिज्यिक लाभ होगा, बल्कि यह भी अफीम उत्पादन को बढ़ावा देगा।

नई नीति की मुख्य विशेषताएँ:

बढ़ोतरी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय डिमांड: यह नीति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अफीम के उपयोग के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने का उद्देश्य रखती है, जिसके साथ-साथ यह भारतीय निर्यात उद्योग की जरूरतों को भी पूरा कर सकेगा।

लाइसेंसधारी किसानों की संख्या में वृद्धि: नई नीति के अनुसार, लाइसेंसधारी किसानों की संख्या में वृद्धि की गई है और आने वाले 3 वर्षों में 1.45 लाख किसान अफीम पोस्त की खेती के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं।

अफीम प्रोसेसिंग क्षमता का विस्तार: सरकार ने अपने अल्केलॉइड कारखानों की क्षमता में बढ़ोतरी की है, जिससे अफीम प्रोसेसिंग में वृद्धि होगी और भारत अपनी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा कर सकेगा।

लाइसेंस की शर्तों में छूट: नई नीति के अनुसार, लाइसेंसधारी किसानों को और अधिक छूट दी गई है, जिससे किसानों को अफीम पोस्त की खेती करने में आसानी होगी।

नई नीति के लिए योग्यता:

इस नीति के तहत, किसानों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अफीम की उपज की योग्यता होनी चाहिए।

इसके अलावा, अनलांस्ड पोस्त के लिए लाइसेंस की व्यवस्था सामान्य तरीके से शुरू की गई थी और तब से इसका विस्तार किया गया है।

भारत में अफीम पोस्त की खेती के लिए यह नई नीति किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्ति मिलेगी, बल्कि यह भी भारत के अफीम उत्पादन को बढ़ावा देगी और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करेगी।

Tags:
Next Story
Share it