नीलगाय व आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए।

कृषकों को 400 रंनिग मीटर तक तारबन्दी स्थापित करने पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत

नीलगाय व आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए।
X

कृषकों को 400 रंनिग मीटर तक तारबन्दी स्थापित करने पर लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 48000/- जो भी कम हो एवं सामान्य कृषकों को लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम राशि रूपये 40000/- जो भी कम हो, अनुदान देय होगा । सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी किये जाने पर लागत का 70 प्रतिषत या अधिकतम राशि रूपये 56000 /- जो भी कम हो, प्रति कृषक 400 रनिंग मीटर तक अनुदान देय होगा।

पात्रता :

इस योजना का लाभ सभी श्रेणी के कृषकों को दिया जायेगा।

व्यक्तिगत एवं कृषक समूह में आवेदन कर्ता के पास न्यूनतम 1.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवष्यक है।

अनुसूचित जन जाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण न्यूनतम 0.5 हैक्टर भूमि एक ही स्थान पर होना आवष्यक है।

सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर भूमि तथा समूह की भूमि की सीमाये निधारित पेरीफेरी में होना आवष्यक है।

वैधता:

चालू वित्तीय वर्ष

आवेदन प्रक्रिया :

कृषक राज किसान साथी पोर्टल पर जनआधार के माध्यम से स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर आवेदन कर सकेगा।

आवेदक आवेदन पत्र आन-लाईन जमा किये जानें की प्राप्ति रसीद आन-लाईन ही प्राप्त कर सकेगा।

आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज, आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छः माह से अधिक पुरानी नहीं हो), बैंक खाते सम्बन्धित विवरण।

अन्य महत्वपूर्ण बिन्दु :

जिन कृषकों के जनआधार पर लघु एवं सीमान्त कृषक श्रेणी में पंजीयन (सिडिंग) है उनको ही लघु एवं सीमान्त कृषक मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जावे । यदि जनाधार मे लघु/सीमान्त कृषक के पंजीयन की सुविधा नहीं होए तो ऐसी स्थिति में कृषकों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु/सीमान्त का प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।

आवेदन के उपरान्त कृषि विभाग द्वारा तारबंदी स्थापना के लिए प्रषासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी।

इसकी सूचना मोबाईल संदेष/कृषि पर्यवेक्षक के द्वारा प्राप्त होगी ।

तारबन्दी किये जानें से पूर्व व कार्य पूर्ण होने पर विभाग द्वारा मौका/सत्यापन व जियोटेगिंग।

अनुदान राशि सीधे कृषक के खाते में जमा होगी।

Tags:
Next Story
Share it