वन्य प्राणियों के इलाज के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण Training will be given for treatment of wild animals

जहां पर वन्य जीवों के घायल होने के मामले अधिक आते है। उसके बाद दूसरे चरण में कम मामले वाले क्षेत्रों के चिकित्सकों को जोड़ा जाएगा।

वन्य प्राणियों के इलाज के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण Training will be given for treatment of wild animals
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फतेहाबाद :लगातार वन्यजीवों पर शिकारी कुत्तों के हमले हो रहे हैं। कई बार सही से उपचार न होने के कारण उनकी मौत हो जाती है। लेकिन उनकी उपचार के लिए सही से व्यवस्था न होने के कारण मौत हो जाती है। इसके लिए सबसे अधिक परेशानी वन्य जीवों के इलाज के चिकित्सकों की होती है। जो पशुपालन विभाग के चिकित्सक है। वे ही घायल वन्य जीवों का इलाज करते है। परेशानी यह है कि उनकी ट्रेनिंग व अभ्यास पालतु पशुओं का इलाज करने का होता है। वे उसी हिसाब से उनका ट्रीटमेंट करते है। अब उनको वन्य जीवों का इलाज के लिए स्पेशल प्रशिक्षण देने की वन्य प्राणी विभाग योजना बना रहा है, ताकि वे घायल हुए हिरण, मोर व अन्य जीव का सही से इलाज कर सके।

इसके लिए वन विभाग से वन्य जीव रक्षा सभा के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की थी। उसके बाद सरकार भी इस दिशा में गंभीर हुई। इसके बाद पशुपालन विभाग के चिकित्सकों को ट्रेनिंग देने की योजना तैयार की गई। इसके तहत उन क्षेत्र के चिकित्सकों को गंभीरता से ट्रेनिंग दी जाएगी। जहां पर वन्य जीवों के घायल होने के मामले अधिक आते है। उसके बाद दूसरे चरण में कम मामले वाले क्षेत्रों के चिकित्सकों को जोड़ा जाएगा। वन्य जीव होते है बड़े नाजुक: वन्य जीव में हिरण, मोर व अन्य जीव को घायल होने के बाद बचाना

मुश्किल हो जाता है। इसकी वजह है कि एक तो ये जीव बेहद नाजुक होते है। वहीं इनका इलाज के लिए चिकित्सकों को किसी प्रकार की ट्रेनिंग नहीं दी हुई होती। तभी बन विभाग के उच्चाधिकारियों ने अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के पदाधिकारियों की मांग पर ट्रेनिंग करवाने की सरकार ने योजना बनाई।

प्रदेश के चंद क्षेत्रों में बचे हुए है हिरण व मोर :

प्रदेश में हिरण व मोर की संख्या लगातार कम हो रही हैं। जिले में भी हिरण तीन- चार गांवों में मिलते है। वहीं मोर की संख्या भी सीमित हो गई। मोर राष्ट्रीय पक्षी होने के बाद भी इसके संरक्षण के लिए विशेष योजना नहीं बनी। ऐसे में अब वन्य जीव बचाने के लिए सरकार पशु चिकित्सकों को ट्रेनिंग देती है तो इसका असर धरातल पर देखने को मिलेगा।

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