धान की रोपाई में यांत्रिक तकनीक से किसान की सफलता की अनूठी कहानी

किसान धरमिंदर सिंह: नई तकनीकों के साथ अनुकरणीय यात्रा

धान की रोपाई में यांत्रिक तकनीक से किसान की सफलता की अनूठी कहानी
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पंजाब के संगरूर जिले के किसान धरमिंदर सिंह ने खेती के क्षेत्र में नवाचार के साथ एक उदाहरण स्थापित किया है। उन्होंने पारंपरिक तरीकों को छोड़कर यांत्रिक रोपाई तकनीक का अनुभव किया और उसके परिणामस्वरूप अपनी पैदावार को दोगुना किया। उनकी इस महान प्रेरणादायक कहानी आपको प्रेरित करेगी।

यांत्रिक रोपाई की नवीनतम तकनीक

कोविड-19 महामारी के दौरान, पंजाब में प्रवासी मजदूरों की कमी के चलते धान की कटाई के लिए समस्या उत्पन्न हो गई थी। इस समय धरमिंदर सिंह ने नई तकनीकों की तरफ देखा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सुझाव से यांत्रिक रोपाई की तकनीक का अध्ययन किया। उन्होंने वॉक-बैक ट्रांसप्लांटर की खरीद की और उसके साथ ही केवीके वैज्ञानिकों की सलाह भी ली।

विशेषताएँ और लाभ

यांत्रिक रोपाई तकनीक की मदद से धरमिंदर सिंह ने धान की रोपाई में क्रियाशीलता को तेजी से बढ़ाया। प्रति वर्ग मीटर में लगाए गए पौधे में बढ़ोतरी होने से पैदावार में दोगुनी वृद्धि हुई। इसके साथ ही खेतों की हवाओं का भी सही प्रबंधन हो गया, जिससे फसलों को बीमारियों से बचाने में मदद मिली।

साक्षात्कार: धरमिंदर सिंह की आत्मकथा

धरमिंदर सिंह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यांत्रिक रोपाई की तकनीक से पैदावार में वृद्धि के साथ-साथ समय और श्रम में भी बचत होती है। यह तकनीक पारंपरिक रोपाई की तुलना में आसानी से बोई जाती है और खेतों में खाद के छिड़काव के लिए भी अधिक उपयोगी होती है।

नई दिशाएँ और प्रेरणा

धरमिंदर सिंह की तकनीक की सफलता ने दिखाया कि यांत्रिक तकनीकों का उपयोग किसानों की खेती में नए द्वार खोल सकता है। वह न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी एक मार्गदर्शक बने हैं। यह सफलता किसानों को नवाचारिक तकनीकों की ओर प्रेरित करेगी और खेती में नए युग की शुरुआत का संकेत हो सकती है।

नई तकनीक से किसान की सफलता: धरमिंदर सिंह की उपलब्धियाँ

किसान धरमिंदर सिंह ने यांत्रिक रोपाई तकनीक का अद्वितीय उपयोग करके अपने खेती के क्षेत्र में बदलाव लाया। उन्होंने पारंपरिक तरीकों की बजाय नई तकनीकों के साथ काम किया और पैदावार को दोगुना किया। इसके साथ ही उन्होंने अपने आसपास के किसानों को भी प्रेरित किया और उन्हें नवाचारिक तकनीकों के द्वारा खेती में सफलता पाने की प्रेरणा दी। धरमिंदर सिंह की यह कहानी सिद्ध करती है कि नए तकनीकों का अनुभव करना किसानों के लिए न केवल उनकी खेती को मजबूती प्रदान करता है, बल्कि उन्हें एक नए दिशा में ले जाता है जो खेती के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हो सकती है।

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