उत्तर प्रदेश: चीनी मिलों के सामने आ सकता है संकट, घट रही किसानों की दिलचस्पी, कोल्हू पर गन्ना देना समझ रहे मुनासिब

उत्तर प्रदेश: चीनी मिलों के सामने आ सकता है संकट, घट रही किसानों की दिलचस्पी, कोल्हू पर गन्ना देना समझ रहे मुनासिब
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उत्तर प्रदेश: चीनी मिलों के सामने आ सकता है संकट, घट रही किसानों की दिलचस्पी, कोल्हू पर गन्ना देना समझ रहे मुनासिब

खेत खजाना : गन्ने का सरकारी भाव 370 रुपये है जबकि कोल्हू पर गन्ना 400 रुपये प्रति क्विंतल बिक रहा है। क्रय केन्द्र तक गन्ना पहुंचाने वाले किसानों से नौ रुपये किराया लिया जा रहा है। वहीं चीनी मिल से किसानों के खाते में 361 रुपये प्रति क्विंतल के हिसाब से रकम पहुंच रही है। ऐसे में किसान चीनी मिलों से किनारा कर रहे हैं। जाहिर है यदि किसानों की दिलचस्पी घटी तो चीनी मिलों के सामने गन्ने का संकट खड़ा हो सकता है।

कोल्हू संचालकों की खुशी:

गन्ने का सरकारी भाव 370 रुपये प्रति क्विंतल है, जबकि किसानों द्वारा संचालित कोल्हू पर गन्ना 400 से 410 रुपया प्रति क्विंतल बिक रहा है। कोल्हू संचालक किसानों की आय बढ़ाने में वरदान साबित हो रहे हैं। किसानों के चेहरे खिले हैं। काफी किसानों ने कोल्हू पर गन्ने का अधिक भाव मिलने के कारण चीनी मिलों से किनारा करना शुरू कर दिया है। चालू पेराई सत्र में चीनी मिलों के सामने गन्ने का संकट खड़ा हो सकता है।

किसानों की आत्मनिर्भरता की पहचान:

पिछले पेराई सत्र में उत्तर प्रदेश में गन्ने का सरकारी भाव 350 रुपये था। जनवरी 2024 में, एक सप्ताह पहले ही, उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रति क्विंतल पर 20 रुपये की बढ़ोतरी करके गन्ने का भाव 370 रुपये कर दिया। क्रय केन्द्र पर गन्ना देने वाले किसानों से नौ रुपये किराया लिया जाता है।

चीनी मिलों का तर्क और किसानों की समस्याएं:

गन्ने का सरकारी भाव 370 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि किसानों द्वारा संचालित कोल्हू पर गन्ना 400 से 410 रुपया प्रति क्विंटल बिक रहा है। कोल्हू संचालक किसानों की आय बढ़ाने में वरदान साबित हो रहे हैं। किसानों के चेहरे खिले हैं। काफी किसानों ने कोल्हू पर गन्ने का अधिक भाव मिलने के कारण चीनी मिलों से किनारा करना शुरू कर दिया है। चालू पेराई सत्र में चीनी मिलों के सामने गन्ने का संकट खड़ा हो सकता है।

पिछले पेराई सत्र में उत्तर प्रदेश में गन्ने का सरकारी भाव 350 रुपये था। जनवरी 2024 में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रति क्विंटल पर 20 रुपये की बढ़ोतरी करके गन्ने का भाव 370 रुपये कर दिया। क्रय केंद्र पर गन्ना देने वाले किसानों से चीनी मिल तक प्रति क्विंटल गन्ने की ढुलाई खर्च लगभग नौ रुपये लिया जाता है।

गन्ना उत्पादन और बाजार का विश्लेषण:

उत्तर प्रदेश में गन्ने का रिकार्ड एक नजर में -

जिले में गन्ने का रकबा: 1.50 लाख हेक्टेयर

अनुमानित गन्ने का उत्पादन: 8 करोड़ 50 लाख क्विंटल

चीनी मिलों से संबंध नहीं गन्ना: 50 लाख क्विंटल

कुल चीनी मिल: छह

अब तक चीनी मिलों में गन्ना पेराई - 3 करोड़ 69 लाख क्विंटल

यह है चीनी मिल को गन्ना देने वाले किसानों को मिलने वाला भाव और धनराशि:

चीनी मिल गेट पर गन्ने का भाव: 370 रुपये प्रति क्विंटल

क्रय केन्द्र पर गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों से किराया: 45 पैसे प्रति क्विंतल, प्रति किमी यानी नौ रुपये प्रति क्विंटल।

चीनी मिल से किसान के खाते में पहुंचता है प्रति क्विंटल गन्ने का दाम: 361 रुपये

कोल्हू पर गन्ना देने वाले किसानों को प्रति क्विंतट पर मिलने वाली धनराशि: 400 से 410 रुपये तक

कोल्हू पर गन्ना बेचने वाले किसानों से नहीं कटता वाहन भाड़ा, वजन का पैसा पूरा मिलता है।

किसान को क्रय केंद्र की दूरी तय करने की बजाय गन्ना अधिकतर खेतों के पास लगे कोल्हू पर ही पहुंच जाता है।

ग्रामीण बाजार की रूपरेखा:

गांवों में संचालित कोल्हू संचालक किसान को 400 से 410 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का भाव दे रहे हैं। गुड़ के अलावा अन्य प्रोडक्ट भी नहीं बनाते हैं। इसके बावजूद कोल्हू संचालक मुनाफा भी कमा रहे हैं और किसानों को भी उनकी उपज का सही दाम दे रहे हैं। किसान और कोल्हू संचालक दोनों ही खुश हैं।

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